कैराना में बना था पाकिस्तान का पहला स्लीपिंग मॉड्यूल

नईदिल्ली। यूपी के कैराना से पलायन को लेकर कोहराम मचा है तो इसके कई कारण भले ही हों लेकिन अपराध एक बड़ा कारण है। दरअसल, कैराना कस्बे की भौगोलिक स्थिति अपराधियों को रास आती है। तभी तो वेस्ट यूपी में सबसे पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कैराना को ही अपना स्लीपिंग मॉड्यूल तैयार करने वाला गढ़ बनाया था।

किसी समय पाकिस्तान से नकली नोट, अवैध हथियार और नशीला पदार्थ की खेप आने के लिए कुख्यात रहा कैराना अब अपराध और आतंक का पर्याय बनकर चर्चाओं में है। कैराना में वर्ष 2014 में व्यापारियों की हत्या के कारण लगातार आठ दिन तक बाजार बंद रहे थे। उस समय कैराना के व्‍यापारियों के समर्थन में शामली में भी ऐतिहासिक बंद रहा था।

16 अगस्त 2014 को किराना व्यापारी विनोद संगल की दुकान पर ही बैठे हुए दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी। उसके ठीक आठ दिन बाद 24 अगस्त को कैराना में ही पानीपत रोड पर सरिया कारोबारी शिवकुमार और उसके ममेरे भाई राजेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों घटनाओं में पानीपत रोड से बदमाशों के भागने की सूचना पुलिस को मिली थी।

10 मिनट में यूपी से बाहर 
मात्र छह किलोमीटर दूर यमुना पुल के पार शुरू हो जाती है हरियाणा की सीमा
मोटर साइकिल से 60 की स्पीड पर दस मिनट में यूपी की सीमा से बाहर चले जाते हैं बाहर
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