समाज में संस्कार लेकर पहुंचें सभी संगठन- वीडी शर्मा

भोपाल। समाज में संस्कार का सबसे बड़ा इंस्टिट्यूट, परिवार है। किन्हीं कारणों से इसका विखराव हो रहा है। हम सभी को इसे जोड़े रखना है। बच्चों के अधिकारों के लिए के कार्य करने वाले सभी संगठन एकजुट होकर सामूहिक मंथन कर रहे हैं, यह सराहनीय है। आप सभी संगठन समाज में संस्कार लेकर पहुंचें। यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा समन्वय भवन में 'नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम' (आरटीई) के तहत कार्यशाला के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में कही।

उन्होंने विभिन्न जिलों से कार्यशाला में आये लोगों से उनके कार्यों के आधार पर देश की पहचान होने की बात कही।संगठनों से जागरूकता से कार्य करने के विषय पर वह बोले। उन्होंने कुपोषण एवं दिव्यांगों के लिए प्रधानमंत्री के विजन पर विस्तृत चर्चा की। सभी संगठन बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए पहल करने की अपील उन्होंने की। वह बोले इसके प्रति सक्षम और समृद्ध लोगों को शुभ अवसरों पर बच्चों के लिए कार्य करने हेतु जागरूक करना आवश्यक है। शर्मा ने कई चैनल पार करने वाले दिव्यांग सतेंद्र लोहिया की बात करते हुए प्रतिभाशाली दिव्यांग लोगों को आगे बढ़ाने के लिए पहल करने की बात की।

दुनिया में भारत की पूछ बढ़ने पर देश के नेतृत्व की सराहना शर्मा ने की। वे बोले हमारे विरुद्ध काम करने वाले पाकिस्तान में भी हमारे प्रधानमंत्री जैसे जिम्मेदार व्यक्ति के होने की मांग की जा रही है। वह बोले नेतृत्व बेहद महत्वपूर्ण है इसलिए सभी संगठन अपने जिलों में बेहतर नेतृत्व लेकर काम करे।

इन दौरान मंच पर अतिथि विभास उपाध्याय, प्रदेश उपाध्याय, जन अभियान परिषद, विशिष्ट अतिथि गगन जी कोल्हे, अध्यक्ष,रेडक्रोस सोसायटी मध्य प्रदेश, विशिष्ट अतिथि डॉ राघवेंद्र शर्मा, भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रमुख, ओमकार सिंह, बाल कल्याण आयोग सदस्य। मेघा पवार, बाल कल्याण समिति सदस्य बाल आयोग सदस्य अनुराग पाण्डेय, डॉ निशा श्रीवास्तव, सोनम निनिमा उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गोपाल कृष्ण गोदानी अध्यक्ष, सेवा भारती मध्य भारती प्रान्त ने की। संचालन निवेदिता शर्मा, म.प्र.बाल अधिकार संरक्षण सदस्य एवं आभार डॉ. निशा श्रीवास्तव सदस्य म.प्र. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने माना। इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिला परियोजना समन्वयक, रेडक्रॉस सोसायटी, जन अभियान परिषद एवं सेवा भारती के सदस्यों ने सहभागिता की।

वासना और वात्सल्य के बीच बच्चों में समझ करें विकसित: शर्मा

कार्यक्रम में आये विशिष्ट अतिथि राघवेंद्र शर्मा ने उपस्थित जनों से बच्चों में वासना और वात्सल्य के बीच की समझ विकसित करने की अपील की। विभाष उपाध्याय ने कहा, शिक्षा संगठन एवं सामाजिक संगठनों से अपेक्षाएं करना ठीक नहीं है। वर्तमान में परिवार के कमजोर होने से बच्चों के विकास में बाधक बना है। इसलिए परिवार को मजबूत होना आवश्यक है। उन्होने लोगों से अधिकारों की बात करने के साथ उन्हें कर्तव्यों पर भी बात करना प्राथमिकता बताया। डॉ गगन कोल्हे ने बाल अधिकार आयोग द्वारा किये प्रयासों की सराहना की। रेडक्रॉस द्वारा किये जाने वाले कार्यों,

किशोरी स्वास्थ्य, मोबाइल फोन के उपयोग पर नियंत्रण विषय पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बालकों में संस्कारों को विकसित करने की बात कही। गोपाल कृष्ण गोदानी ने अध्यक्षीय उध्बोधन में सेवा भारती द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वाबलंबन के लिए किए जा रहे प्रयासों पर एवं बच्चों को अध्ययन के लिए की जा रही पहल पर चर्चा किया।

दूसरे सत्र में हुआ सार्थक संवाद

कार्यशाला का दूसरा सत्र टेक्निकल एवं संवाद सत्र आयोजित हुआ। इसमें 0 से 18 वर्ष के बच्चों के संरक्षण एवं विकास क्षेत्र में किए जा रहें कार्यों तथा भविष्य में बच्चों के सर्वोत्तम हित के लिए रणनीति तय करने सम्बन्धी, बाल तस्करी इत्यादि विषय पर विस्तृत चर्चाएं हुईं। सत्र में सदस्यों ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। इस दौरान शासकीय कर्मियों से अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाकर पहल करने का आव्हान किया। इस सत्र की अध्यक्षता दविन्द्र मोरे ने की। इस दौरान मंच पर शुभा वर्मा, भरत झंवर, अनुराग पाण्डेय, रमाशंकर तिवारी, अनुराग पाण्डेय, ओंकार सिंह, मेघा पवार, सोनम निनामा, डॉ निशा श्रीवास्तव, डॉ निवेदिता शर्मा की उपस्थिति रही।