
इस संबंध में शिकायत कोलार नयापुरा निवासी देवमणि सिंह ने की थी। उन्होंने जुलाई 2011 में टाटा मांजा का मॉडल 'औरा' खरीदा था लेकिन उनसे मांजा 'एलान' के पैसे ले लिए गए। जिसकी ऑन रोड कीमत 8.75 लाख रुपए बताई गई थी। उन्होंने डीलर को 2.1 लाख रुपए नगद जमा करके रसीद ले ली। शेष राशि इलाहाबाद बैंक से लोन लेकर 6.65 हजार रुपए दे दिए। जबकि ओरा मॉडल कार की कीमत 7 लाख रुपए थी। रसीद, दस्तावेज चेक किए तो पता चला कि डीलर ने उनसे टाटा मांजा एलान मॉडल कार की कीमत यानी 1.75 रुपए अधिक वसूले थे।
डीलर ने बेंच को बताया कि देवमणि सिंह ने कार का कमर्शियल उपयोग किया है इसलिए उन्हें उपभोक्ता नहीं माना चाहिए। देवमणि द्वारा दी गई 2.1 लाख की रसीद भी जाली है। फोरम ने डीलर के पक्ष को नकारते हुए फैसला सुनाया। यह मामला उपभोक्ता से ठगी का मामला है। उपभोक्ता चाहे तो डीलर के खिलाफ आईपीसी 420 के तहत प्रकरण दर्ज करा सकता है।