
ताज से निकलने के बाद अधिकांश पर्यटक थक कर मौसम विभाग के आफिस के नीचे ही बैठ जाते हैं, लेकिन जिस समय ये हादसा हुआ, उस वक्त कोई सैलानी छज्जे के नीचे नहीं था।
दीवार पर चूने से चिपकाए गए पत्थर के गिरने की खबर पर एएसआई अधिकारियों ने इसकी फोटोग्राफी कराई और रिपोर्ट तैयार कर सर्किल आफिस भेज दी है। ताज में इससे पहले पूर्वी गेट पर छज्जे का पत्थर गिरा था तो वहीं, काली मस्जिद की छत का प्लास्टर गिरा था। दक्षिण पश्चिम मीनार की पिनेकल भी दो महीने पहले ही गिर चुकी है।