
अब इनमें से जितने परीक्षार्थी पात्र होंगे, वे बीएड कॉलेजों में एडमिशन ले सकते हैं। बीएड में प्रवेश के लिए पहले चरण का आवंटन हो चुका है। पहले चरण में विभाग ने 26 हजार छात्रों को आवंटन पत्र जारी किए हैं। अगर ये सभी छात्र पहले चरण में एडमिशन ले लेते हैं, तो भी बीएड कॉलेजों की 30 हजार से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी।
इसको देखते हुए बीएड कॉलेज भी इंजीनियरिंग की तरह पीजी पास छात्रों को बीएड में प्रवेश दिलाने की मांग कर रहे हैं। फायदा पहुंचाने का आरोप बीएड प्रवेश को लेकर निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने निजी विवि को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। वजह यह है कि निजी विवि में भी बीएड पाठ्यक्रम संचालित हैं।
निजी विवि इस पाठ्यक्रम में अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा कराकर एडमिशन ले सकते हैं। इसको निजी बीएड कॉलेजों ने निजी विवि को फायदा पहुंचाना बताया है।
नियमों के तहत ही
प्रदेश के निजी विवि एनसीटीई के नियमों के तहत ही प्रवेश करा रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग की काउंसलिंग में भी निजी विवि शामिल हैं। इससे सीटें नहीं भरने पर अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एडमिशन लेंगे।
प्रो. अखिलेश पांडे, चेयरमैन, निजी विवि विनियामक आयोग
यही नियम लागू हो
इंजीनियरिंग में भी पात्रता परीक्षा के अलावा अर्हकारी परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिए जा रहे हैं। ऐसे में बीएड में भी यही नियम लागू होना चाहिए। इससे छात्र भी आसानी से एडमिशन ले सकेंगे।
सैय्यद साजिद अली, राजीव गांधी बीएड कॉलेज