रामयश केवट/भोपाल। राजधानी की लाइफलाइन और एक तिहाई आबादी की प्यास बुझाने वाले बड़े तालाब का पानी 14 गुना ज्यादा प्रदूषित हो चुका है। यही नहीं कचरा और केमिकल की मात्रा बढ़ने से पानी पीने लायक नहीं बचा है। यह सड़ने लगा है। इससे पानी में रहने वाले जलीय जीवों के साथ रोजाना पेयजल के रूप में इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है। यह खुलासा हुआ है एनवायर्नमेंट प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन ऑर्गनाइजेशन (एप्को) की जांच रिपोर्ट से।
पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी. पांडेय ने आरटीआई इस रिपोर्ट को हासिल किया है। इसके तहत सबसे ज्यादा कोहेफिजा में शिरीन नदी के पास तालाब का पानी प्रदूषित है। यहां केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) का प्रतिशत 10 के मुकाबले 144 मिला है। इसी तरह, बीओडी भी 9 गुना तक ज्यादा है। ये स्थिति चिंताजनक है क्योंकि, तालाब से बैरागढ़ और ईदगाह हिल्स क्षेत्र में करीब 3 लाख लोगों को पानी सप्लाई होता है।
अमृत के तहत तालाब में सीवेज मिलने से रोकने की डीपीआर तैयार हो चुकी है। जल्द ही तालाब प्रदूषण मुक्त होगा। वैसे शहर में पानी की सप्लाई ट्रीटमेंट के बाद होती है। इससे लोगों को नुकसान नहीं है।
छवि भारद्वाज, कमिश्नर, नगर निगम