छतरपुर में नदी से निकला 1300 साल पहले डूबा विशाल शिवलिंग

Bhopal Samachar
छतरपुर। जिले के बड़ामलहरा गांव के मछुआरे पिछले मंगलवार जब मछली पकड़ने गए, तब उन्हें नहीं पता कि 'शिव' के दर्शन होंगे। मछुआरों ने काठन नदी में जैसे ही मछली पकड़ने के लिए जाल डाली तो कोई भारी सी चीज फंस गई। मछुआरों ने इसकी जानकारी गांव वालों को दी।

तीन दिन तक सलैया और बर्मा गांववालों और मछुआरों ने मेहनत करके जब उस भारी चीज को बाहर निकाला, तो हैरान रह गए। नदी से शिवलिंग निकला था। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। शिवलिंग को निकालने के लिए जेसीबी और क्रेन की मदद लेनी पड़ी। बाद में गांववालों ने शिवलिंग की स्थापना पास के ही हनुमान मंदिर में की। 

शिवलिंग के बारे में प्रचलित कथा
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उनके पूर्वज कहा करते थे, एक बार काठन नदी में विकराल बाढ़ आई थी। उस वक्त गांव और सिद्धन घाट पूरी तरह डूब गया था। उसी घाट पर भगवान शंकर का मंदिर था। लोगों का कहना है कि उसी बाढ़ में शिवलिंग और मंदिर के दरवाजे भी बह गए थे। साथ ही स्थानीय लोग कहते हैं कि पाषाण काल का शिवलिंग चंदेल काल का है। एरोरा गांव में आज भी पत्थरों के अवशेष मिलते हैं। 

सिद्धन घाट पर है सिद्ध बाबा का मंदिर
सिद्धन घाट, सिद्ध बाबा के नाम पर है प्रचलित है। यहां नदी के बीच मंदिर बना हुआ है।गांववालों का कहना है कि इस मंदिर में सारी मनाकामनाएं पूरी होती हैं। गांववालों का कहना है कि शिवलिंग निकालने में प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की। 
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!