भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के तीसरे सेमेस्टर के रिजल्ट में काफी गिरावट आई है। ये रिजल्ट करीब 22 से 24 फीसदी ही निकल रहा था। इसका कारण मैथामेटिक्स का पेपर काफी कठिन होना था।
रिजल्ट में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा सामने आ रही थी, जिन्हें उत्तीर्ण होने के लिए दो से चार अंक की जरूरत थी। रिजल्ट परीक्षा समिति के सामने रखा गया है। इस दौरान बताया कि परीक्षा में दो, तीन और सात अंक के एक-एक प्रश्न काफी बड़े स्तर पर पूछे गए थे। उनको हल करने के लिए विद्यार्थियों दिए गए तीन घंटे कम पढ़ जाएंगे। ये प्रश्न हल करने के लिए विद्यार्थियों को कम से कम पांच घंटे का समय देना होगा। परीक्षा समिति ने सभी विद्यार्थियों को उक्त प्रश्नों का एडवांडेज देने के निर्देश दिए थे। इससे 22 से 24 प्रतिशत आने वाला रिजल्ट 32 फीसदी आकर रुक गया है।
इतनी मशक्कत के बाद रिजल्ट में सिर्फ आठ से दस फीसदी परिवर्तन हुआ है। वर्तमान में करीब 68 फीसदी विद्यार्थी फेल हैं। जानकरों का कहना है कि तीसरे सेमेस्टर का इतना कम रिजल्ट आना विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं। इससे उजागर होता है कि कालेजों में अध्ययन व्यवस्था काफी लचर बनी हुई है। इसके बाद आरजीपीवी ऐसे प्रश्न तैयार करता है, जिन्हें विद्यार्थी उपयुक्त समय में हल नहीं कर सकते।
कापी पर अंकित हैं फेल के नंबर
परीक्षा समिति ने भले ही विद्यार्थियों को एडवांटेज देने की व्यवस्था की है। इससे उनके रिजल्ट में सुधार कर उन्हें पास कर दिया गया है, लेकिन विद्यार्थियों की कापियों में अभी तक फेल वाले अंक अंकित हैं। कल इस संबंध में कोई शिकायत होती है, तो अधिकारी आरोप प्रत्यारोप में घेरे जाएंगे।
ऐसे नहीं दे सकते एडवांटेज
परीक्षा समिति के एक सदस्य का कहना है कि आरजीपीवी उक्त प्रश्नों पर ऐसा एडवांडेज नहीं दे सकता है। इसमें परीक्षा विभाग ऐसे प्रश्नों का मूल्यांकन करने वाले प्रोफेसर से अंक देने में रियायत बरतने को निर्देशित कर करता है। इस तरह का एडवांडेज देना गलत है।
पुनर्मूल्यांकन में होगा इजाफा
काफी संख्या में विद्यार्थी फेल हुए हैं। इसलिए आरजीपीवी में पुनर्मूल्यांकन कराने वालों की संख्या में काफी इजाफा होने की संभावना है। आवेदन कराने आरजीपीवी ने लिंक खोल दिए हैं। इसके बाद आरजीपीवी चैलेंज की व्यवस्था करेगा। गत रिजल्ट में आरजीपीवी में सबसे ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए थे।
प्रश्न बड़े थे और समय कम
परीक्षा समिति के निर्णय के आधार पर ही विद्यार्थियों को दो, तीन और सात अंक के प्रश्नों पर एडवांडेज दिया गया है। परीक्षा में पूछे गए ये प्रश्न काफी बड़ी थे, जिन्हें परीक्षा समय में हल नहीं किया जा सकता था।
डॉ. मोहन सेन
परीक्षा नियंत्रक, आरजीपीवी