कोर्ट में जाकर चुप हो जातीं हैं लोकायुक्त की घूसवाली CD

बलबीर सिंह/ग्वालियर। अदालत में लोकायुक्त की दलीलें रिश्वतखोरों को सजा दिलाने में बेकार साबित हो रही हैं। कारण, भ्रष्टाचार साबित करने वाला सबसे बड़ा सबूत, यानी लेन-देन की बातचीत की सीडी कोर्ट में जाकर चुप हो जाती है। कुछ सीडी खाली निकल रही हैं तो कुछ पर खरोंच हैं। कुछ सीडी पर तो तेल लगा दिया गया है, जिससे वो काम ही न करें।

पिछले 4 महीने में लोकायुक्त ने चालान के साथ बतौर सबूत 6 ऐसी सीडी कोर्ट में पेश कीं, जो खाली निकलीं। इस खामी के कारण कोर्ट से चार आरोपी बरी हो चुके हैं। दो मामला विचाराधीन है। ये सीडी लोकायुक्त कार्यालय से कोर्ट पहुंचने के दौरान कैसे खराब हो रहीं है, इसका जवाब लोकायुक्त के पास भी नहीं है। एडीजी लोकायुक्त एसएम अफजल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं कहना।

ग्वालियर में ऐसे 4 मामले
1: मत्स्य विभाग के सहायक प्रभारी हरिप्रकाश श्रीवास्तव को सीडी में आवाज स्पष्ट नहीं होने से कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया। लोकायुक्त ने चालान में लिखा कि ये आवाज हरिप्रकाश की हो सकती है। हो सकती का फायदा उसे मिला।
2: गिजौर्रा थाना प्रभारी बीएल मौर्य के रिश्वत मांगने की सीडी में आवाज ही नहीं आई।
3: पटवारी रामचरण वर्मा की सीडी में गुड़-गुड़ की आवाज आई।
4: कृषि विस्तार अधिकारी केके शर्मा की सीडी खाली निकली। अभियोजन ने दूसरी सीडी पेश करने की कोर्ट से अनुमति मांगी है।
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