
कोर्ट से बाहर निकलते समय जब आसाराम से पूछा गया कि अनुसंधान अधिकारी को मारने की धमकी दी गई है, तो आसाराम ने कहा कि सब बकवास है। ऐसा कुछ नहीं है। कोई कुछ भी बोले तो मैं क्या करूंं। मामले की अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा से बुधवार को कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिरह की। जिरह के दौरान अधिवक्ताओं ने पूछा कि जब एफआईआर में बताया गया था कि पीड़िता को भूत-प्रेत का इलाज करने के लिए आसाराम ने बुलाया था तो मामला दर्ज होने के बाद फिर पुलिस ने आज तक उसका उपचार क्यों नहीं करवाया।
वहीं मामले में सब इंस्पेक्टर मुक्ता पारीक से भी जिरह की गई। मुक्ता पारीक से अधिवक्ताओं ने जिरह के दौरान पूछा कि मालखाने के रजिस्टर में हेराफेरी की गई, काटछांट कर दो-दो बार एन्ट्री की गई है तो मुक्ता पारीक ने जानकारी होने से इनकार कर दिया। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि मालखाने के रजिस्टर में हेराफेरी की गई है।