
याद दिला दें कि उपनेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह ने विधानसभा सदन के भीतर उस समय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था जबकि सदन में अविस्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। मप्र कांग्रेस को मिला यह अब तक का सबसे बड़ा झटका माना गया है।
भाजपा का दामन थामने के बाद पार्टी ने उनके भाई मुकेश चतुर्वेदी को टिकट देकर उनसे पल्ला झाड़ लिया है। राजनैतिक रूप से अब वो बेरोजगार हो चुके हैं। ऐसे में उन्होंने एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में जाने की कवायद तेज कर दी है।
कांग्रेस के अंदरखाने की माने तो पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी रविवार को एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ग्वालियर आए थे। एक होटल में रुकने के दौरान उनके पास चौधरी राकेश सिंह पहुंचे और फिर राजनीति के मुद्दे पर बात की। पचौरी ने पूछा, कैसे हो राकेश, तो जवाब मिला साहब अब तो अपने घर बुला लो। राकेश चौधरी ने इस दौरान पचौरी से गुहार लगाई कि कैसे भी हो मेरी वापसी करा दो। इस पर पचौरी ने उनसे सिर्फ यही कहा कि चलों मैं चर्चा करूंगा, लेकिन मामला बड़ा पेचीदा है। इसलिए घर वापसी की राहें काफी कठिन हैं।
राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि इससे पहले चौधरी राकेश सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समक्ष भी अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए घर वापसी की गुहार लगाई थी। दिग्विजय सिंह ने प्रयास भी किए थे, लेकिन बाद में आलाकमान की उनके प्रति खासी नाराजगी होने की बात कहकर मामला टाल दिया गया।
चौधरी के करीबी बताते हैं कि कांग्रेस छोड़कर भाई को तो विधायक बनवा लिया, लेकिन वे खुद राजनीति की गुमनामी में समा जाने से विचलित नजर आ रहे हैं।