
उल्लेखनीय है कि कुछ हमेशा नया करने वाले कलेक्टर शर्मा ने कुछ समय पहले पहली बार ओरेंज उत्सव कर वाहवाही बटोरी थीं। अब उनकी वक्रदृष्टि आर्थिक रूप संपन्न होने के बावजूद बीपीएस सूची में शामिल लोगों पर है। शाजापुर जिले में एक लाख से अधिक लोगों के नाम बीपीएल सूची में शामिल है। इनमें करीब दस हजार लोग फर्जी गरीब होने का अनुमान है, जो वास्तविक गरीबों के हक की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
आम तौर पर बीपीएल सूची सार्वजनिक नहीं की जाती। किंतु कलेक्टर ने आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को इस सूची से अलग करने के लिए मुहिम चला रखी है। इससे निपटने के लिए वे बीपीएल सूची में शामिल संपन्न लोगों से स्वयं आगे आकर सूची से नाम हटवाने की अपील कर रहे हैं, साथ ही अपने फेसबुक पेज और ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम के फोन नंबर पर फर्जी गरीबों के बारे में गोपनीय जानकारी देने की अपील आमजन से की। जानकारी देने वालों का नाम गोपनीय रखा जा रहा है।
कलेक्टर की मुहिम से प्रेरित होकर अभी तक दो दर्जन लोग आगे भी आए और बीपीएल सूची से नाम हटवाने के लिए आवेदन दिए गए। शाजापुर कलेक्टर राजीव शर्मा का कहना है कि हमारी इस मुहिम के बाद करीब दो दर्जन फर्जी गरीबों ने स्वेच्छा से नाम हटाने का आवेदन दिया है। इसके अलावा हमें कई शिकायत भी मिली है। शुरूआत में रिजल्ट ठीक नहीं आ रहा है, लेकिन उम्मीद है कि समय रहते ऐसे लोगों की हमें जानकारी मिलेगी। शाजापुर जिले में एक लाख से ज्यादा फर्जी गरीब है। मेरा मानना है कि इनमें दस हजार से अधिक फर्जी गरीब शामिल है।
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