दलित कर्मचारियों ने बनाई सरकार पर दवाब बनाने की रणनीति

भोपाल। मप्र अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी-कर्मचारी संघ (अजाक्स) ने पदोन्नति में आरक्षण खत्म होने पर विरोध जताने के लिए धर्म परिवर्तन की चेतावनी दी है। रविवार को हुई आपात बैठक में हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने और मुख्यमंत्री से मिलकर 2002 से 16 तक हुई पदोन्न्ति को निरंतर रखने की मांग करने का निर्णय लिया है। बैठक करीब साढ़े चार घंटे चली।

हाईकोर्ट जबलपुर ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 'मप्र पदोन्नति नियम 2002" निरस्त कर दिया है। संघ के महासचिव एसएन सूर्यवंशी ने बताया कि पदोन्नति में आरक्षण खत्म हुआ, तो इस वर्ग के कर्मचारी धर्म परिवर्तन करेंगे।

उन्होंने बताया कि संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा और मांग करेगा कि राज्य सरकार संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को लोकसभा में आरक्षण बिल पारित करने का अनुरोध करे। वहीं सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगाई जा रही याचिका में पैरवी सॉलिसीटर जनरल भारत सरकार मुकुल रोहतगी, हरीश साल्वे या नागेश्वर राव से कराने की मांग की जाएगी।

सूर्यवंशी ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को इन मांगों के ज्ञापन सौंपे जाएंगे और आठ मई को राजधानी में प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें आंदोलन कर रणनीति पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।
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