
सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि 26/11 आतंकी हमलों में शहीद हुए महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व चीफ हेमंत करकरे ने मालेगांव ब्लास्ट केस में जो जांच की उसमें कई खामियां थीं। यही नहीं, कर्नल प्रसाद पुरोहित और दूसरे मुख्य आरोपियों के खिलाफ जो सबूत दिखाए गए वो मनगढंत थे और चश्मदीदों से दबाव में बयान दर्ज कराए गए थे।
एनआईए ने कहा- हमारे पास हैं सबूत
एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, एटीएस ने साल 2008 में कर्नल पुरोहित की गिरफ्तारी से पहले देवलाली आर्मी कैंप स्थिति उनके क्वार्टर में विस्फोटक प्लांट किए थे। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'हमारे पास यह साबित करने के लिए सूबत हैं कि एटीएस ने ही आरडीएक्स प्लांट किया था।'
आरोपियों से हटा MCOCA
जांच एजेंसी ने कर्नल पुरोहित और अन्य आरोपियों के खिलाफ लगा MCOCA हटाने का फैसला भी लिया है। उनके खिलाफ अब गैरकानूनी काम में शामिल होने और साजिश रचने का आरोप है। इस मामले में मुंबई की एक अदालत में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल होगी।
तीन अन्य आरोपियों को क्लीन चिट
पता चला है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए धमाकों की जांच कर रही एनआईए ने तीन अन्य आरोपियों को भी क्लीन चिट दी है। एनआईए ने इसके पीछे वजह बताई है कि उन्हें इस पूरी साजिश की जानकारी नहीं थी और उन्हें फंसाया गया था। इस घटना में 4 लोगों की मौत हई थी और 79 अन्य घायल हुए थे।
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।