आपूर्ति निगम मंडला ने करोड़ों में खरीद लिया कौड़ियों का घटिया चावल

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मण्डला जिले में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी एवं उसके रखरखाव तथा कस्टम मिलिंग के माध्यम से खरीदी गई धान से बने चावल की खरीदी में गंभीर अनियमिततायें किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है जिनके चलते सरकारी खजाने को करोडों रूपये का चूना लगाया जा चुका है।

यह उल्लेखनीय है कि समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान से बनाये गये चावल खरीदकर  नागरिक आपूर्ति निगम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सामान्य उपभोक्ताओं मध्यान्न भोजन एवं आंगनबाडी में वितरित किया जाता है।

नागरिक आपूर्ति निगम के मण्डला स्थित अधिकारियों तथा कतिपय राईस मिलर्स की सांठगांठ से जिले में अमानक स्तर का खाने के अयोग्य चावल खरीदा जा रहा है जिसमें चावल की कनकी निर्धारित अनुपात से बहुत ज्यादा मिलाई गई है। इस तरह का चावल निगम के गोदामों में संग्रहित है। सांठगांठ के चलते निर्धारित मापदण्ड 25 प्रतिशत ब्रोकन की मात्रा की बजाये 50 प्रतिशत से भी ज्यादा कनकी मिला चावल प्रदाय किया जा रहा है।

जबलपुर मार्कफेट द्वारा रिजेक्टेड धान 8 रूपये प्रतिकिलो की दर से खरीदकर राईस मिलर्स द्वारा 14 रूपये किलो की दर से 3 लाख क्विंटल धान का नान को प्रदाय कर दिया गया। जबलपुर मार्कफेड द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान जिसमें नमी का प्रतिशत सामान्यत ज्यादा है उसे राईस मिलर्स को प्रदाय किया जा रहा है जिसमें कचरा और मिट्टी मिली हुई है तथा  निर्धारित मापदण्ड का चावल नही बन रहा है। 

भुआ, बिछिया के गोदामों में अभी भी घटिया और अमानक स्तर का चांवल का स्टाक संग्रहित है इसकी शिकायत संबंधित गोदाम प्रभारी द्वारा उच्च अधिकारियों को लिखित तौर पर दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नही की गई।

निगम के अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स से प्रति लाठ 18 से 20 हजार रूपये की चडौत्तरी ली जा रही है कुछ खास राईस मिलर्स जिनका आपूर्ति निगम में वर्चस्व है  उनसे अमानक स्तर के चांवल की निरतर खरीदी की जा रही है।

निगम एवं राईस मिलर्स की सांठगांठ से धान और चांवल की खरीदी में किये जा रहे है गोलमाल की जानकारी जिला प्रशासन को होने के बावजूद अमानक स्तर के चांवल की खरीदी बदस्तुर जारी है। जिसके चलते आदिवासी बाहुल्य मण्डला जिले में उपभोक्ताओं को अमानक स्तर का चांवल खाना पड रहा है।

यह जानकारी मिली है कि मण्डला में खरीदे गये चांवल को प्रदेश के विभिन्न जिलो में वितरण के लिये भेजा गया था वहां से रिजेक्ट होकर वापस आ रहा है ऐसा ही 3 टक चांवल अभी हाल ही में मुरैना जिले से वापस आया है।

इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम मण्डला के जिला प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव से चर्चा किये जाने पर उन्होने अवगत कराया की मेरे पदभार ग्रहण करने के पूर्व खरीदे गये चावल के संबंध में कुछ नही कहा सकता लेकिन मैने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर निर्धारित मापदण्ड के अनुसार चावल खरीदा जा रहा है तथा राईस मिलर्स से इस सबंध में कोई शिथिलता नही बरती जा रही है।

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