खंडन: मनरेगा का भुगतान हो चुका है, नक्सलियों की नौटंकी झूठी है

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। प्रशासन की ओर से दावा किया है कि जिस मनरेगा की मजदूरी को लेकर नक्सलियों के कथित पर्चे सामने आ रहे हैं, वो भुगतान हो चुका है। नक्सलवादी लोग मजदूरों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासन ने दावा कि है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में जनहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन को सदैव प्राथमिकता दी जाती है। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त रणनीति नक्सलवादियों पर तेजी से शिकंजा कस रही है। 

जनसंपर्क कार्यालय जिला पंचायत बालाघाट की ओर से बताया गया है कि पुलिस प्रशासन का काम है तथ्यों का अन्वेषण कर सच्चाई को सामने लाना और पुलिस प्रशासन इन दिशा में अपने दायित्वों को बखूबी निभा रही है। मनरेगा में मजदूरी भुगतान के लिये जिला प्रशासन द्वारा कोई कोर-कसर नहीं छोडा जाता है, समय पर भुगतान हो इसके लिये हर स्तर पर ठोस प्रयास किये जाते हैं। सुदूर क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में निवास करने वाले श्रमिक बन्धुओं के हित में जिला प्रशासन पूरी तरह से संवेदनशील है। मनरेगा में शासन स स्तर से बजट समय पर नहीं आने के कारण विलंब की स्थिति जरूर निर्मित हुई थी लेकिन मनरेगा में विगत माह 28 करोड रू मजूदरों का लंबित भुगतान एफटीओ के माध्यम से संबंधित श्रमिकों के बैंक खाते में जारी कर दी गई है। 

कहीं-कहीं तकनीकि दिक्कतों के चलते एफटीओ जारी करने के बाद भी हितग्राहियों के बैक खातें में राशि नहीं पहुंच पाई है ऐसे लंबित एफटीओ को तत्काल निराकरण कर संबंधितों को भुगतान करने के सख्त निर्देश दिये गये हैं। जल्द ही उनके बैंक खोंतों में राशि पंहुच जायेगी। 

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