
इधर, शिवाजी नगर-तुलसी नगर में प्रस्तावित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का विरोध और तेज हो गया है। शनिवार को लोगों ने पोस्टकार्ड डालकर विरोध जताया, जबकि रविवार सुबह आठ बजे पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच समेत कई लोग पैदल मार्च निकालेंगे।
कर्मचारी संगठन, भोपाल सिटीजंस फोरम, आम नागरिकों के साथ ही विपक्षी कांग्रेस बीते छह महीने से शिवाजी नगर में स्मार्ट सिटी का विरोध कर रहे हैं। अब विधायक, सासंद से लेकर मंत्री स्तर तक के नेताओं ने जगह के चयन को गलत फैसला बताया है। इस पर महापौर आलोक शर्मा ने पहली बार अपनी ही पार्टी के लोगों के बयानों पर कड़ा ऐतराज जताया है।
शर्मा ने कहा है कि विरोध करने वाले अपने गिरेबान में झांके। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए प्रपोजल भेजे जाने से पहले विधायकों और मंत्रियों को प्रजेंटेशन दिया था। उस वक्त किसी ने इस पर आपत्ति नहीं की थी। नगरीय प्रशासन के आयुक्त विवेक अग्रवाल के मुताबिक यदि लोगों के भी कुछ सुझाव हैं, तो स्मार्ट सिटी के डीपीआर में बदलाव किया जा सकता है, लेकिन जगह बदलने पर भोपाल से यह प्रोजेक्ट छिन जाएगा।
- क्यों हुआ विरोध
- लोगों से सुझाव तो लिए पर स्मार्ट सिटी कहां बनेगी जगह पर चर्चा नहीं हुई।
- लोगों को पता नहीं था कि यहां हजारों की संख्या में पेड़ काटे जाएंगे, डीपीआर और जगह चिन्हित होने के बाद एकाएक खुलासा हुआ।
- नार्थ टीटी नगर बाणगंगा और भेल क्षेत्र में स्मार्ट सिटी बनाने पर सुझाव आए जिस पर अमल नहीं किया गया।
अब तक...किसने क्या कहा
स्मार्ट सिटी का विरोध नहीं हैं। बात लोकेशन की है। वैसे, अभी तो सिर्फ यह आइडिया है, इसे बदला जा सकता है। स्मार्ट सिटी कहां बने यह भी जनता से पूछा जाना चाहिए।
उमाशंकर गुप्ता, मंत्री एवं विधायक दक्षिण-पश्चिम विधानसभा
यह शहर सबका है, मैं शुरू से शहरवासियों की राय का समर्थन करते आया हूं। इसलिए इसमें सभी की सहमति होनी ही चाहिए।
आलोक संजर, सांसद
मैं तो स्मार्ट सिटी के पक्ष में हूं, लेकिन स्मार्ट सिटी में जनता के साथ सामंजस्य तो होना चाहिए। क्योंकि बन तो यह जनता के लिए ही रही है।
रामेश्वर शर्मा, विधायक हुजूर
हमारा विरोध स्मार्ट सिटी पर नहीं है। लोकेशन पर विरोध है तो उस पर हमें विचार करना चाहिए।
विश्वास सारंग, विधायक नरेला
लोगों के विचार सुन लिए जाएं। इससे और बेहतर काम हो सकेगा। जहां स्मार्ट सिटी बन रही है वहां भी कोई दिक्कत नहीं है।
सुरेंद्र नाथ सिंह, विधायक, मध्य