
जानकारी के अनुसार दो साल पहले लोकायुक्त में शिकायत की गई थी कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ वन मंडल अधिकारियों ने जिला तेंदूपत्ता यूनियन के सीईओ की हैसियत से वार्षिक आमसभा नहीं बुलाई है जो कि सहकारिता अधिनियम के तहत जरूरी है। आमसभा नहीं कराने पर उनके ऊपर जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
इस शिकायत पर लोकायुक्त ने पंजीयक सहकारिता को तलब किया था। बाद में सहकारिता विभाग के निर्देश पर जिले में पदस्थ सहकारिता उपायुक्तों ने वर्ष 2004-05 से 2013-14 के बीच जिलों में पदस्थ रहे करीब 70 आईएफएस अफसरों पर जुर्माना ठोंक दिया। वसूली का नोटिस मिलने के बाद अभी तक बीस आईएफएस अफसरों ने ही जुर्माना राशि जमा की है।
इन अफसरों पर लगा जुर्माना
डॉ. एसपी तिवारी, विसेंट रहीम, केपी शर्मा,जेएस तोमर, आरएस सिकरवार, एसपी शर्मा, एएस तिवारी, अलोक दास, विवेक जैन, समिता जैन, अनूप सिंह राजपूत, एचयू खान, यूके शर्मा, पीजी फुलझले, विभाष ठाकुर, एल कृष्णमूर्ति, एसके शुक्ला, अतुल खेरा, एचपी झारिया, डीसी गुप्ता, एनके सनोडिया, एके बरोनिया, निरंकार सिंह, टीएस चतुर्वेदी,वायपी सिंह, निजाम कुरैशी,वायपी सिंह, केपी बांगर, काली दुरई आदि हैं।
नहीं भरेंगे जुर्माना, टिब्यूनल मेें की अपील
लोकायुक्त के निर्देश पर जिला पंजीयकों द्वारा आईएफएस अफसरों पर लगाए गए जुर्मानें से उनमें रोष है। दस से अधिक आईएफएस अफसरों ने डीआर के फैसले के खिलाफ सहकारिता टिब्यूनल में अपील दायर की है। अपील में कहा गया है कि उन्होंने साधारण सभा और आमसभा के लिए बाकायदा सदस्यों को सूचना भेजी थी लेकिन इसके बाद भी वे बैठक में नहीं आए। ऐसे में उनका कोई दोष नहीं बनता है। अफसरों ने से कहा है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन में कोई कोताही नहीं बरती है।
हमने कार्यवाही की है
लोकायुक्त में हुई शिकायत के बाद आईएफएस अफसरों पर जुर्माना लगाया गया है। इन अफसरों पर नियमों और मापदंडों का पालन नहीं करने का आरोप है। लोकायुक्त की सख्ती के कारण वसूली कार्रवाई जारी है। विभाग की ओर से हर दो सप्ताह में लोकायुक्त को वसूली की स्थिति बताई जा रही है। जिन आईएफएस ने जुर्माना नहीं चुकाया है उन्हें फिर नोटिस दिया जाएगा।
मनीष श्रीवास्तव आयुक्त सहकारिता