शिवराज के दिव्यांग विवाह समारोह में 65% फर्जी शादियां

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान के मैनेजर्स उनकी ब्रांडिंग के लिए जो भी योजना बनाते हैं, जिलों में पदस्थ अधिकारी उसकी भद जरूर पिटवा देते हैं। ताजा मामला बालाघाट से आ रहा है। मोदी के दिव्यांग प्रेम प्रकट होने के बाद मप्र में शिवराज सरकार ने दिव्यांगों के सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए, परंतु इसमें 65 प्रतिशत विवाह फर्जी पाए गए हैं। अधिकारियों ने शादीशुदा दिव्यांगों का इस योजना के तहत पुर्नविवाह करा डाला। पढ़िए हमारे ब्यूरो सुधीर ताम्रकार की यह रिपोर्ट: 

बालाघाट में अप्रैल माह के अंत में दिव्यांग विवाह का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया था। जिसमें 107 दिव्यांग जोडों का विवाह सम्पन्न कराया गया था। इस आयोजन के क्रियान्वयन एवं दिव्यांग जोडों की जानकारी जुटाने एवं उन्हें समारोह में लाने के लिये जिम्मेदारी आदिवासी विकास विभाग को सौंपी गई थी। इस वैवाहिक समारोह में शामिल हुये नवदम्पत्तियों के बारे में गहनता से छानबीन की गई तो पता चला की 107 नवदम्पत्तियों में लगभग 65 प्रतिशत ऐसे दम्पत्तियों का पुर्नविवाह करा दिया गया जो पहले से ही शादीशुदा थे और वे 2-3 बच्चों के माता पिता है।

इन्हें आदिवासी विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर में जांच दिव्यांगों को उपकरण तथा सरकारी नौकरी दिलाये जाने का प्रलोभन देकर कार्यक्रम स्थल में लाया गया था। विवाह स्थल पर पहुंचकर जब असलियत का पता चला तो उन्होने विवाह करने से इंकार कर दिया तो उन्हें अधिकारियों ने विवाह पश्चात आर्थिक सहायता और अन्य सुविधायें दिये जाने का प्रलोभन देकर उनकी शादी करवा दी। जब वे शादी करवाने के बाद वापस घर लौटे दिव्यांग नवदम्पत्ति समाज में गांव में उपहास के पात्र बन गये। जिसके कारण उन्होने अपना आनाजाना बंद कर दिया।

इस विवाह समारोह में प्रभारी मंत्री श्री जयंत मलैया, श्री गौरीशंकर बिसेन, सहित जिले के आला अफसर साहित्य, सांस्कृतिक खेल की गतिविधियों से जुडी संस्थाएं तथा सामाजिक संस्थाओं ने अपनी उपस्थिति और सहयोग देकर विवाह समारोह को अभूतपूर्व बना दिया था तथा यह प्रचार किया गया की ऐसा विवाह समारोह प्रदेश में पहली बार आयोजित किया गया है तथा इनके आयोजकों सूत्रधारों को प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जाए।

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