पेंशनर को परेशान करने वाले SBI पर ठोका जुर्माना

भोपाल। पेंशनर को परेशान करने के एक मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने एसबीआई की गोविंदपुरा ब्रांच पर जुर्माना लगाया है। बैंक द्वारा अपनी गलती को उपभोक्ता पर थोपकर उसे मानसिक रूप से हुई परेशानी की भरपाई के लिए फोरम ने जुर्माने की राशि को बतौर हर्जाना उपभोक्ता को देने का आदेश दिया है।

छोला नाका स्थित जेपी नगर निवासी पीएन स्वर्णकार का स्टेट बैंक की गोविंदपुरा शाखा में पेंशन अकाउंट है। इस अकाउंट से 22 फरवरी 2011 को 5,500 रुपए कम हो गए। पासबुक में एंट्री कराने पर इस पैसे को बैरासिया ब्रांच के एटीएम से डेबिट करना बताया गया। स्वर्णकार ने बैंक से शिकायत की कि उन्होंने एटीएम से यह पैसे नहीं निकाले हैं, न ही किसी और को अपना एटीएम कार्ड दिया है। 

22 फरवरी के दिन वह जबलपुर गए हुए थे, इसलिए भोपाल के किसी एटीएम से पैसे निकालने का सवाल ही नहीं है, लेकिन बैंक ने उनकी एक नहीं सुनी। स्वर्णकार ने बैंक प्रबंधन को लिखित रूप से शिकायत की कि उन्होंने पैसे नहीं निकाले हैं, हो सकता है कि बैंक के किसी कर्मचारी ने उनके एटीएम का नंबर और कोड़ चुराकर कोई गड़बड़ी की हो, इसकी जांच कराई जाए, लेकिन बैंक ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। 

स्वर्णकार ने इस घटना के बाद अपना एटीएम कार्ड बैंक को सरेंडर करते हुए इस सुविधा को ही त्याग दिया। इस घटना के 6 माह बाद 27 जुलाई 2011 को स्वर्णकार के खाते में बैंक द्वारा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन के जरिए 5,500 रुपए जमा किए गए, लेकिन बैंक ने इसकी सूचना स्वर्णकार को नहीं दी। पासबुक में एंट्री कराने के बाद उन्हें पता चला तो उन्होंने बैंक अधिकारियों से इसकी तफ्तीश की।

अब 9% ब्याज का भी भुगतान करेगा बैंक
बैंक ने इसे तकनीकी खामी बताते हुए अपनी भूल बताया, लेकिन इन 5,500 रुपए का छह माह का ब्जाय बैंक ने नहीं दिया। स्वर्णकार ने बैंक को फिर से शिकायत की कि आखिर यह किसकी गलती से हुआ, छह माह तक यह राशि कहां और किसके खाते में रही और उन्हें इस मामले में गुमराह क्यों किया गया? जब बैंक ने उनकी शिकायत को अनसुना किया, तो उन्होंने उपभोक्ता फोरम से बैंक द्वारा उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने की शिकायत की। उपभोक्ता फोरम ने इसे बैंक की गलती मानते हुए हर्जाने के साथ ही 5,500 रुपए का छह माह का 9 प्रतिशत की दर से ब्याज भी देने का आदेश दिया है।

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