
कलेक्टर की जनसुनवाई में मंगलवार को ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुधीर सप्रा के साथ हरीश प्रजापति अपने बेटे को लेकर पहुंचे। अभिभावक हरीश ने बताया कि उनके बेटे पर शरारत करने का आरोप लगाकर सेंट पॉल स्कूल का प्रबंधन जबरन स्कूल से बाहर करने की कोशिश कर रहा है। बेटा जब स्कूल जाता है, तो उसे स्कूल में बैठने नहीं दिया जाता।
एआईपीए के श्री सप्रा ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है, कि अगर बच्चा शरारत कर रहा है, तो उसे स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए। यह तो बच्चे के शिक्षा प्राप्त करने के मूलभूत अधिकार का हनन है। खुद को श्रेष्ठ साबित करने या दूसरे बच्चों के भले का हवाला देकर स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर किसी बच्चे को बाहर करने का नियम बनाता है तो आरटीई के तहत ऐसा कोई भी नियम गैर कानूनी होगा।
कलेक्टर ने जनसुनवाई के दौरान ही डीईओ विकास जोशी को बुलाया और निर्देश दिए कि वे इस मामले की विस्तृत जांच करें। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक स्कूल प्रबंधन को निर्देश दें कि वे कक्षा 9 में पढ़ने वाले नव्यांश प्रजापति को स्कूल में आने से नहीं रोकें। अगर वे इन निर्देशों का उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ बाल अधिकार संरक्षण कानून के तहत प्रकरण दर्ज करवाएं।
सेंट पॉल के खातों की भी करें जांच
जनसुनवाई के दौरान ही एआईपीए के सुधीर सप्रा ने कलेक्टर को बताया कि फीस वृद्धि को लेकर हर स्कूल में एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें शासन की ओर से भी एक प्रतिनिधि को शामिल किया जाता है। गतदिवस सेंट पॉल स्कूल ने जब फीस वृद्धि को लेकर कमेटी की बैठक बुलाई थी, उसमें शासकीय प्रतिनिधि के तौर पर शिक्षा विभाग के बीआरसी संजय पांडे भी गए थे। श्री पांडे ने स्कूल द्वारा फीस वृद्धि को लेकर असहमति जाहिर की थी। इसके बावजूद स्कूल ने फीस बढ़ा ली। कलेक्टर ने डीईओ श्री जोशी को निर्देश दिए कि वे रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी की मदद से स्कूल के खातों की जांच करवाएं।
100 प्रतिशत कर दी फीस वृद्धि
शिवपुरी लिंक रोड स्थित पर्ल्स वैली स्कूल की शिकायत लेकर कुछ अभिभावक कलेक्टर के पास आए। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि उनके बच्चे जब कक्षा 4 में पढ़ते थे, तब स्कूल की फीस 33 हजार रुपए थी। जब वे कक्षा 5 में आए, तो स्कूल ने फीस 66 हजार रुपए कर दी। क्यों कर दी, इसका वे कोई उचित जवाब नहीं देते। कलेक्टर ने डीईओ को पर्ल्स वैली स्कूल के खिलाफ बाल प्रताड़ना कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।