
मिसरोद पुलिस के मुताबिक जाटखेड़ी निवासी 65 वर्षीय छोटेलाल वारदात के वक्त आरकेडीएफ कॉलेज में गार्ड था। कुछ समय पहले उसने नौकरी छोड़ दी। पीड़िता ने बताया कि आरोपी 5 जुलाई, 2015 को उसके घर में घुस आया था। उसने मुंह दबाकर उससे ज्यादती की। आरोपी ने धमकाया कि अगर किसी को कुछ बताया तो वह उसे और उसकी मां को जान से मार देगा। इसके बाद आरोपी ने 5 सितंबर, 2015 तक कई बार ज्यादती की।
आरोपी का उसके घर आना जाना था। पिता नहीं होने के कारण उसने मां को कॉलेज में नौकरी दिलाने का भी झांसा दिया था। पुलिस की मदद से गौरवी ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना है कि अब काफी देर हो चुकी है। बच्ची को एक-दो दिन में डिलेवरी हो सकती है। आरोपी मूलत: गौरतगंज का रहने वाला है। वह बीते 20 साल से भोपाल में रह रहा है।
मां को पता था फिर भी चुप रही
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वारदात की रात उसका बड़ा भाई अस्पताल में भर्ती था। मां उसी के पास थी। वह घर पर अकेली थी। तभी घर के समाने कॉलेज के गार्ड दादा आए और मां के बारे में पूछने लगे। इसके बाद वे अंदर घुस आए और गलत काम किया। घटना के बारे में मां को पता था, लेकिन पीड़िता सिर्फ आरोपी को गार्ड दादा कहती थी। इसलिए मां चुप रही और उसने शिकायत नहीं की।