
आज यहां जारी अपने बयान में श्री मिश्रा ने कहा कि इस भर्ती परीक्षा में बहुत बड़ा लेन-देन होने के बाद नियम विरूद्ध 332 परिवहन आरक्षकों की भर्ती गई हैं, जबकि इसमें परिवहन आरक्षकों की सीधी भर्ती हेतु व्यापम एवं राज्य सरकार द्वारा प्रसारित किये गये विज्ञापन में मात्र 198 परिवहन आरक्षकों की भर्ती करने के लिए अधिसूचना मई-2012 में समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई थी।
श्री मिश्रा ने कहा है कि व्यापम/राज्य सरकार द्वारा प्रसारित किये गये इस विज्ञापन के विपरीत बिना किसी सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति लिये बगैर अवैधानिक तरीके से 332 परिवहन आरक्षकों का भारी लेनदेन के बाद चयन कर लिया गया। बताया जा रहा है कि इस अवैध प्रक्रिया को अपनाने में तत्कालीन एसीएस और वर्तमान मुख्य सचिव एंटोनी डिसा जिनके पास उस दौरान परिवहन विभाग का जिम्मा भी था। राजनैतिक और प्रशासनिक दबाव की वजह से वे उस समय व्यापम महाघोटाले की जांच कर रही एसटीएफ की गिरफ्त से बाहर रहे।
चूंकि इस बड़े घोटाले में मुख्य सचिव की भूमिका स्पष्ट तौर पर सामने आ रही है, लिहाजा, उनके विरूद्ध भी एफआईआर दर्ज की जाये। अन्यथा कांगे्रस पार्टी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए बाध्य होगी।