ये हैं वो जज जिन्होंने राष्ट्रपति का फैसला बदल दिया

0
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने का ऐतिहासिक फैसला देने वाले जस्टिस केएम जोसेफ एक पढ़ाकू और अपनी बेदाग छवि के लिए जाने जाते हैं। 31 जुलाई, 2014 को उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए जस्टिस केएम जोसेफ कोच्चि में पैदा (17 जून, 1958) हुए। कोच्चि, दिल्ली और चेन्नई से पढ़ाई करने के बाद जोसेफ ने गवर्नमेंट कॉलेज एरनाकुलम से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

दिल्ली हाईकोर्ट से शुरू की प्रैक्टिस
केएम जोसेफ ने दिल्ली हाईकोर्ट से बतौर लॉयर करियर की शुरूआत की। 1983 में जोसेफ दिल्ली छोड़ केरल हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। इसके बाद केएम जोसेफ ने स्वतंत्ररूप से अपनी प्रैक्टिस को आगे बढ़ाया।

संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ
संविधान और संविधान से जुड़े मसलों में जस्टिस केएम जोसेफ की खास रूचि रही है। 'शायद यही वजह है कि अपनी स्वतंत्र प्रैक्टिस के वक्त ही केएम जोसेफ ने सिविल और रिट के साथ-साथ संवैधानिक मामलों में भी विशेषज्ञता हासिल कर ली थी।

पढ़ाकू और बेदाग छवि के लिए प्रसिद्ध
जस्टिस जोसेफ संवैधानिक मामलों में जस्टिस केएम जोसेफ खूब अध्ययन करते हैं। उनकी छवि एक पढ़ाकू और ईमानदार जज की है। यहां तक की अपने सार्वजनिक जीवन में भी जस्टिस जोसेफ एक अध्ययनशील और बेदाग छवि के लिए जाने जाते हैं। नैनीताल हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं के बीच भी जस्टिस जोसेफ बेहद सम्मानित हैं।

पिता भी रहे हैं सुप्रीम कोर्ट में जज
जस्टिस केएम जोसेफ के पिता केके मैथ्यू भी सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त होने के पहले केएम जोसेफ 9 वर्ष तक केरल हाईकोर्ट में जज रहे हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!