फर्जी हस्ताक्षर मामले में कैलाश विजयवर्गीय को सुप्रीम कोर्ट से राहत

इंदौर। महू विधायक और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ दो शपथ पत्रों पर कथित रूप से फर्जी हस्ताक्षर मामले में हाईकोर्ट द्वारा धारा 340 में दर्ज केस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

विजयवर्गीय के निर्वाचन के खिलाफ हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की गई है। इसमें विजयवर्गीय की ओर से दो शपथ पत्र पेश किए गए थे। याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता अंतरसिंह दरबार ने शपथ पत्रों पर उनके हस्ताक्षरों को फर्जी बताया था। तब कोर्ट ने शपथ पत्र सील करवाकर रजिस्ट्रार के यहां रखवाए और केस दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। एक हैंडराइटिंग विशेषज्ञ ने हस्ताक्षर पर रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट में पेश की भी थी।

विजयवर्गीय के वकील श्याम दीवान और विवेक पटवा के मुताबिक इस प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटिशन) दायर की गई थी। इसमें उल्लेख किया था कि हस्ताक्षर फर्जी हैं या नहीं, इस पर आपत्ति केवल हस्ताक्षर करने वाला ले सकता है। कोई दूसरा व्यक्ति कैसे कह सकता है कि शपथ पत्रों पर हस्ताक्षर गलत हैं, जबकि हस्ताक्षर करने वाला इससे इनकार कर रहा है। जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस रोहिंगटन नरीमन की बेंच ने पूरी प्रक्रिया पर रोक लगाकर मामले को अंतिम सुनवाई के लिए रख दिया है।

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