
अपेक्स सहित जिलों बैंकों में अभी मध्यप्रदेश सरकार के आरक्षण नियम लागू नहीं होते हैं, जबकि बैंक सरकार की योजनाओं का ही क्रियान्वयन करते हैं। इसके लिए उन्हें बड़ा अनुदान भी दिया जाता है। इस आधार पर सहकारिता विभाग ने बैंकों की भर्ती में आरक्षण नियम लागू करने की बात रखी थी। हालांकि, सहकारी बैंक तैयार नहीं थे, पर विधि विभाग से राय-मशविरा के बाद सेवा नियमों में संशोधन कर आरक्षण नियमों को लागू कर दिया है। इसके मुताबिक बैंकों में होने वाली सीधी भर्ती में अनुसूचित जनजाति के लिए 20 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 14 प्रतिशत पद आरक्षित होंगे।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जिन दो हजार से ज्यादा पदों के लिए भर्ती होनी है, उनमें ये नियम लागू होंगे। साथ ही सामान्य सहायक और कम्प्यूटर ऑपरेटर के पदों पर भर्ती मध्यप्रदेश के मूल निवासियों की ही नियुक्ति की जाएगी। बैंकों में शासन की तरह कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के चार साल तक आरोप पत्र देकर विभागीय जांच बिठाने और बिना किसी निश्चित अवधि के निराकरण की व्यवस्था भी की गई है। अभी तक सेवानिवृत्त होने के दो साल में आरोप पत्र जारी करने और चार साल में अंतिम फैसला करने का नियम था। सहकारिता विभाग के अपर पंजीयक जेपी गुप्ता का कहना है कि नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।