रोहतक। हरियाणा पुलिस में तैनात एक एएसआई की 82 वर्षीय मां की गला दबाकर हत्या कर दी गई। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वृद्धा की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है। मौके पर पहुंचे एसपी शशांक आनंद ने भी दुष्कर्म की आशंका से इनकार नहीं किया है। घटना शहर के निकटवर्ती गांव गढ़ी बोहर की है। वृद्धा वारदात के समय घर पर अकेली थी। पुलिस को मौके से आपत्तिजनक सामान भी मिला है और वृद्धा का शव चारपाई पर नग्न अवस्था में पड़ा था। मौका-ए-वारदात से यह तय माना जा रहा है कि वृद्घा की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई। हालांकि पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है।
वृद्धा करीब 20 साल से अपने घर में अकेली रहती थी। रविवार रात को वह पड़ोसी के घर गीतों में गई थी। देररात वह अपने घर आ गई। वह घर के बाहरी हिस्से में बने कमरे में सोती थी। 3 दिन तक महिला घर से बाहर नहीं निकली तो मंगलवार दोपहर को पड़ोस की एक महिला ने उन्हें आवाज लगाई। मकान का मुख्य गेट अंदर से बंद था और कोई आवाज नहीं आई। पड़ोसी महिला ने कमरे की खिड़की को खोला तो अंदर चारपाई पर वृद्धा का शव नग्न अवस्था में चारपाई पर पड़ा था।
कुछ ही देर में घर के बाहर पड़ोसियों की भीड़ लग गई। दीवार फांदकर पड़ोसियों ने अंदर प्रवेश किया तो पूरे मकान में बदबू आ रही थी। कमरे में जाकर देखा तो वृद्धा की मौत का खुलासा हुआ। घटना की जानकारी मृतका के एएसआई बेटे को दी गई। एसपी शशांक आनंद, डीएसपी डॉ. रवींद्र और अर्बन एस्टेट थाना इंचार्ज सतेंद्र मौके पर पहुंचे।
100 मीटर की दूरी पर बेटे का घर, नहीं ली मां की सुध
मृतका के पति गांव में जमींदार थे। उनके तीन बेटे हैं। मृतका का बड़ा बेटा हरियाणा पुलिस महकमे में एक जिले की पीओ ब्रांच का इंचार्ज है। दूसरा बेटा गांव में ही खेती बाड़ी करके गुजारा करता है। वह वृद्धा के घर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर पीछे वाली गली में रहता है लेकिन उसे भी वारदात की भनक नहीं लगी। सामने आया है कि वृद्धा की काफी समय तक परिजनों से बातचीत नहीं होती थी। परिजनों ने बताया कि तीसरा बेटा काफी समय पहले घर से चला गया था।
मकान से मिला आपत्तजनक सामान
जिस चारपाई पर वृद्धा का शव मिला है, उसी के पास पुलिस को आपत्तिजनक सामान भी मिला है। कमरे में तीन चारपाई थी। घर से कंडोम मिलने के बाद पुलिस पुख्ता तौर पर मानकर चल रही है कि दुष्कर्म के बाद ही वृद्घा की हत्या की गई। इतना ही नहीं आरोपियों ने वृद्धा के मुंह में चुन्नी ठूस रखी थी। ताकि उसकी चीख न निकल सके।
कभी मायके तो कभी रिश्तेदारी में चली जाति थी महिला
पड़ोसियों व परिजनों के अनुसार दो दिन तक इसलिए शक नहीं हुआ कि महिला कभी अपने मायके तो कभी अन्य रिश्तेदारी में घूमने चली जाती थी। यहां से कई दिनों बाद घर लौटती थी। इसी के चलते किसी को भी वारदात का आशंका नहीं हुई।