इलाहाबाद। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चन्द्रचुड और जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने अहम फैसला देते हुए कहा कि पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने वाले सरकारी सेवक की मृत्यु पर दूसरी पत्नी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी नही दिया जा सकता।
कोर्ट ने कहा है कि बच्चा नहीं होने की दशा में पहली पत्नी ने दूसरी शादी की अनुमति दे दी हो। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों को दूसरी शादी की जानकारी देना और उनसे अनुमति लेना जरूरी था। ऐसा नहीं करने की दशा में पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी को कानूनी मान्यता नहीं दी जा सकती।
सीतापुर में तैनात रहे पीएसी जवान की दूसरी पत्नी सीमा पाण्डेय उर्फ सुनीता की एकल जज के खिलाफ पारित विशेष अपील की सुनवाई पर दी। एकल जज ने सुनीता की उस याचिका को खारिज कर दिया था। जिसमें उसने अपने पति की 7 नवम्बर 13 को मृत्यु हो जाने के बाद मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की थी।