
जहांगीराबाद इलाके में सरेराह महिला पुलिसकर्मियों से मारपीट के मामले में थाना पुलिस और टीआई की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। घटना के बाद पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई थी। थाने में पीड़िताओं पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्होंने तीन घंटे के बाद ही आरोपियों से समझौते के लिए हामी भर दी। इसके बाद आरोपी होटल संचालक संजय उर्फ बाबू चौरासिया और राजेश लखेरा को पुलिस ने छोड़ दिया। यह बात और है कि मामला जमानती है। इसमें थाने से मुचलके पर जमानत मिल जाती है, लेकिन घटना के 32 घंटे बाद भी न तो पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की और न ही आरोपियों ने जमानत ही ली।
थाना पुलिस और टीआई की भूमिका की जांच शुरू
मामले में ढुलमुल रवैया अपनाने को लेकर जहांगीराबाद पुलिस की जांच शुरू हो गई है। इसके अलावा मौके पर पहुंचने वाले अधिकारियों से भी घटना को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। थाना पुलिस पर आरोप हैं कि उन्होंने आरोपी संजय उर्फ बाबू चौरसिया और राजेश लखेरा के संबंध नेताओं से होने के कारण घटना के बाद आला अधिकारियों को गुमराह करते हुए न केवल मामले की गलत रिपोर्टिंग की, बल्कि पीड़िताओं पर तीन घंटे तक थाने में समझौते के लिए दबाव बनाते रहे।