मप्र शासन, भोपाल
प्रदेश को समृद्ध और उन्नत बनाने के लिये काफी कुछ किया है। पर क्या पुलिस वाला होना कोई गुनाह है, जो हम सबसे कम सैलरी में सबसे ज्यादा काम करते हैं। हम घर..परिवार से दूर रहते हैं। आधे वक्त खाना नहीं खा पाते हैं। इतना सब होने के बावजूद बात जब पुलिस की सैलरी बढ़ाने की आती है, तो हमारे मध्यप्रदेश शासन के पास पर्याप्त बजट नहीं होता जबकि दूसरे कामों के लिये पर्याप्त बजट होता है।’
आज जो सैलरी पुलिस कर्मी को मिलती है, उसमें दो आदमियों का गुजारा भी नहीं हो पाता। माननीय मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन है कि पुलिस कर्मियों की सैलरी बढ़ाकर कम से कम इतनी तो कीजिये कि वे अपना परिवार पाल सकें।
सूरजसिंह चूंडावत
आरक्षक क्रमांक 524
मप्र पुलिस, बुरहानपुर
7898707010
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