भोपाल। उज्जैन सिंहस्थ में 40 हजार सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों का भविष्य दांव पर लग गया है। वो यहां ड्यूटी कर रहे हैं और भारी रश होने के बावजूद पढ़ाई भी कर रहे हैं। अगले महीने 31 मई को होने वाली एमपी पीएससी प्री-एग्जाम में डिप्टी कलेक्टर व डीएसपी जैसे क्लास वन पदों के लिए तैयारी करने वाले ये कर्मचारी सिंहस्थ ड्यूटी से 30 मई को रिलीव हो पाएंगे। अगर वे परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए तो उनके हाथ से सुनहरा मौका निकल जाएगा और कई ओवर एज भी हो जाएंगे। इसलिए ये विभाग प्रमुखों से 20 मई तक रिलीव करने की गुहार लगा रहे हैं।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएसी) मई में राज्य प्रारंभिक सेवा की परीक्षा कराने जा रहा है। इसके लिए सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारियों ने भी आवेदन किया है। इनमें से कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी सिंहस्थ के लिए उज्जैन में लगा दी गई है। ऐसी स्थिति में ये कर्मचारी असमंजस में हैं कि वे परीक्षा की तैयारी कैसे करें? इस परीक्षा के लिए प्रदेशभर से करीब 40 हजार सरकारी कर्मचारियों ने भी अावेदन फॉर्म भरा है, लेकिन उनकी ड्यूटी उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू हुए सिंहस्थ में लगी है। उन्हें सिंहस्थ शुरू होने से 10-15 दिन पहले उज्जैन भेज दिया गया था।
इस दौरान किसी की ड्यूटी भी कैंसिल नहीं की गई है। अब ये कर्मचारी परीक्षा की तैयारी को लेकर परेशान हैं। अगर वे जैसे-तैसे तैयारी कर भी लेते हैं, तो 21 मई को सिंहस्थ समाप्त होने के बाद उन्हें रिलीव होने व मुख्यालय पर आमद दर्ज कराने में भी पांच से आठ दिन तक का समय लगेगा। ऐसे में वे परीक्षा में कैसे शामिल हो पाएंगे।
आयोग ने 17 मार्च को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत 250 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें आवेदन की आखरी तारीख 14 अप्रैल तय की गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 23 अप्रैल कर दिया गया। इसी प्रकार परीक्षा की तारीख 29 मई से बदलकर 31 मई कर दी गई है।
इन पदों पर नियुक्ति के लिए होनी है परीक्षा
31 मई को एमपीपीएससी के माध्यम से विभिन्न पदों के लिए परीक्षा होगी। इनमें मुख्य रूप से डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, नायब तहसीलदार, वाणिज्य कर अधिकारी, वाणिज्य कर निरीक्षक, जिला आबकारी अधिकारी, परिवहन निरीक्षक, डिप्टी जेलर और अन्य समकक्ष पद शामिल हैं।