भोपाल। देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में जैसे बड़ा आंदोलन चला था, वैसे ही न्यायिक सुधारों के लिए भी देश में बड़े आंदोलन की जरूरत है। टॉक शो में पर्यावरणविद सुभाषचंद्र पांडे भी थे। भूषण ने आगे कहा कि न्यायपालिका से संभवत: एक फीसदी लोगों को भी न्याय नहीं मिल रहा। देश में 80 फीसदी लोग तो ज्युडिशियरी को अप्रोच ही नहीं कर पाते। यदि वकील कर भी लिया तो भी तारीख ही मिलती रहती है।
व्यापमं का केस फ्री में लड़ूंगा
प्रशांत भूषण ने मप्र के व्यापमं घोटाले को बड़ी गड़बड़ी बताते हुए कहा कि इस मामले में व्हिसल ब्लोअर्स ने जितनी पिटीशन (याचिका) लगाई हैं, वो मुझसे मिलें। मैं पहले भी डॉ. आनंद राय के साथ अपीयर हो चुका हूं। वे चाहेंगे तो मैं उनका केस मुफ्त में लडूंगा। भूषण रविवार को भोपाल में थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ न्यायिक व्यवस्था पर भी तीखे कटाक्ष किए।
न्यायिक व्यवस्था ध्वस्त
सीड संस्थान के टॉक-शो और मप्र राज्य स्वराज अभियान सम्मेलन की संगोष्ठी 'वर्तमान चुनौतियां : विकल्प राजनीति' में उन्होंने कहा कि कई तारीखों के बाद आखिर में जब केस तय हो जाता, तब भी इस बात की ज्यादा गुंजाइश होती है कि वो गलत तय हुआ हो। रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर जजेज आर्बिटेशन करने लगे हैं। इसी से कमा रहे हैं। आर्बिट्रेशन इंडस्ट्री तब चलती है, जब न्यायिक व्यवस्था ध्वस्त हो। यही वजह है कि पावरफुल लोग चाहे वे सरकार में हो या ज्युडिशियरी में, वे नहीं चाहते कि न्यायिक व्यवस्था ठीक हो।