
विभाग अब उनसे खाद-बीज की खरीद से लेकर पैदावार व मंडी का रिकॉर्ड भी तलब करेगा। जांच इन्वेस्टीगेशन विंग के हवाले की गई है। आयकर महकमे ने जब अपनी खुफिया विंग की मदद से इन अमीर 'किसानों" की आर्थिक कुंडली खंगाली तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। वार्षिक सूचना रिपोर्ट में भी इनका ब्यौरा सामने आया।
इन तथाकथित किसानों में बड़े कारोबारी, प्रभावी राजनेता और अफसर भी शामिल हैं। विभाग जांच के दौरान इन सभी का छह साल का रिकॉर्ड भी देखेगा। गौरतलब है कि सरकार ने किसानों के लिए खेती से होने वाली आमदनी को पूरी तरह टैक्स मुक्त रखा है, इसी छूट का लाभ उठाने के लिए ये लोग वर्षों से खेती को फायदे का धंधा दिखा कर अपनी बैलेंस शीट में करोड़ों रुपए की आय दिखा रहे हैं।
चौंकाने वाला तथ्य है कि खराब उन्पादन के बाद भी उनकी आमदनी साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। विभाग को अंदेशा है कि ये लोग टैक्स चोरी के लिए किसानी बताकर दूसरे धंधों से आ रहे कालेधन को नंबर एक में बदलकर सरकार की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
बंजर जमीनें उगल रही सोना
करोड़पति किसानों में फिलहाल मप्र में 55 एवं छग के 17 लोगों को चिन्हित किया गया है। विभाग की खुफिया रिपोर्ट कहती है कि कुछ ऐसे मामले भी हैं जहां बंजर अथवा गैर उपजाऊ जमीन होने के बावजूद कागजों पर बंपर पैदावार दिखाई जा रही है। अब उन सभी मामलों की छानबीन होगी। आश्चर्य तो यह है कि उनकी सोना उगलने वाली खेती का प्राकृतिक आपदा से भी कुछ नहीं बिगड़ रहा है।
सीबीडीटी की नसीहत
इस गोरखधंधे का पर्दाफाश करने आयकर विभाग ने कृषि विशेषज्ञों से पैदावार रिपोर्ट एवं पड़ौसी किसानों के आय व्यय का ब्यौरा भी जुटा लिया है। किसानों से जुड़ा होने के कारण मामला संवेदनशील है, कार्रवाई से किसान नाराज न हो जाएं इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। आयकर विभाग को नियंत्रित करने वाले सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने फूंक-फूंक कर कदम रखने की नसीहत दी है।