भोपाल। पर्यावरण को हो रहे नुकसान की अनदेखी के मामले में एनजीटी ने उमरिया कलेक्टर कृष्ण गोपाल तिवारी के विरुद्ध 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। साथ ही उमरिया एसपी को निर्देश दिया है कि वे यह तय करें कि 22 मार्च को कलेक्टर को गिरफ्तार कर एनजीटी के सामने उपस्थित करेंगे। उल्लेखनीय है कि उमरिया कलेक्टर दृष्टिबाधित हैं।
एनजीटी ने उमरिया जिले में साउथ ईस्टर्न कोल्ड फील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) के आसपास अवैध रूप से कोयला खनन मामले में कार्रवाई नहीं करने और एनजीटी के नोटिस का जवाब नहीं देने पर नाराजगी जाहिर की है। पिछली सुनवाई पर कलेक्टर को 4 फरवरी को एनजीटी के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन वे न उपस्थित हुए, न ही इस मामले में जवाब दाखिल किया।
राकेश चतुर्वेदी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उमरिया जिले के पिनौरा और नौरोजाबाद इलाके में कोयले का अवैध उत्खनन हो रहा है। इस पर न तो एसईसीएल ध्यान दे रहा है न ही जिला प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। अवैध खनन के बाद अंडरग्राउंड खदानों को भी खुला छोड़ दिया जाता है, जिससे भविष्य में बड़े हादसे की आशंका बनती जा रही है। एईसीएल के अधिवक्ता ओम शंकर श्रीवास्तव ने एनजीटी को बताया कि कोल्डफील्ड लिमिडेट का लीज एरिया पूरी तरह उनके नियंत्रण में है। याची की ओर से जो इलाका बताया गया है, वह एसईसीएल की लीज क्षेत्र के बाहर है।
मुआयना करने का निर्देश
एनजीटी ने इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को जबलपुर के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को साथ लेकर मौके का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। याची पक्ष को निर्देश दिया है कि वह गूगल मैप पर अवैध खनन क्षेत्रों को चिन्हित कर एनजीटी के समक्ष पेश करे।