भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच जब से सीबीआई के हाथ में आई है, सबकुछ जैसे थम सा गया है। जांच में देरी का फायदा उठाकर जेल में बंद आरोपी जमानत मांग रहे हैं और उन्हें मिल भी रही है। अब व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक नितिन महिन्द्रा ने भी जमानत के लिए अर्जी लगा दी है। हाईकोर्ट ने सीबीआई को 2 सप्ताह का समय दिया है। यदि सीबीआई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई तो महिन्द्रा भी जमानत पर बाहर आ जाएंगे।
बुधवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस एसके पालो की युगलपीठ में मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान आवेदक नितिन महिन्द्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्रा ने पक्ष रखा। जबकि सीबीआई की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जिनेन्द्र कुमार जैन ने अर्जी का विरोध किया।
आवेदक के वकील का कहना था कि लंबा समय गुजर चुका है, अत: जांच प्रक्रिया को परिणिति पर पहुंचाकर जेल से बाहर आने का रास्ता साफ किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि आरोप साबित न होने तक जमानत हासिल करना संविधान प्रदत्त सुविधा है।
सीबीआई की ओर से विरोध में कहा गया कि तत्कालीन जांच एजेंसी एसटीएफ ने महिन्द्रा के खिलाफ केस दर्ज किए थे। वर्तमान में सीबीआई जांच को गति दिए हुए हैं। नए-नए तथ्य सामने आने के कारण जांच फिलहाल लंबित है। जब तक जांच प्रक्रिया पूरी नहीं होती जमानत का सवाल ही नहीं उठता।