
मुख्यमंत्री के सुझाव पर स्पीकर डॉ. सीतासरन शर्मा ने समिति बनाने का ऐलान किया। समिति चार महीने में अपनी सिफारिशें देगी। पढ़ाई के बोझ व तनाव से बच्चों द्वारा की जा रही आत्महत्या पर शुक्रवार को कांग्रेस विधायक आरिफ अकील और रामनिवास रावत की ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बच्चों का जीवन बर्बाद होते नहीं देख सकते।
अच्छे नंबरों के लिए बच्चों पर दबाव बनाना अपराध माना जाएगा। मुख्यमंत्री बोले कि विधानसभा की समिति गठित हो जो इस मुद्दे पर अपनी सिफारिशें दे, सरकार उन पर अमल करेगी। इस मामले में स्कूल, शिक्षकों के साथ अभिभावकों को भी जागरुक रहना होगा। भोपाल के डीपीएस स्कूल का छात्र आदित्यमान सिंह अच्छा गायक-संगीतकार बन सकता था, लेकिन ज्यादा नंबरों की होड़ के तनाव में उसने आत्महत्या कर ली। इससे लगता है कि स्कूलों में बच्चों की काउंसिलिंग के लिए शिक्षकों की अनिवार्यता करनी पड़ेगी।
सिफारिशों पर होगा अमल
बाद में विस परिसर में मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि यह समिति चार महीने में अपनी अनुशंसाएं सौंपेगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सभी विचार करें। पढ़ाई के दबाव से बच्चों का स्वाभाविक जीवन छिन गया है, उनकी जिंदगी आनंदरहित हो गई है। स्कूल मैनेजमेंट, शिक्षक और अभिभावक उन पर अच्छे नंबर लाने का दबाव बनाते हैं। सफलता नंबरों से नहीं आंकी जा सकती। बच्चों को तनावरहित बनाने के लिए योग एवं खेल के पीरिएड जरूरी हैं। वोकेशनल ट्रेनिंग भी दिलाई जाए।