
माल्या द्वारा बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रूपये न चुकाए जाने के बाद विदेश भाग जाने को लेकर शिवसेना ने कड़ी आपत्ती दर्ज की है। सामना में लिखा गया है कि कर्ज देने का राष्ट्रीय कार्यक्रम यूपीए के कार्यकाल में और डुबाकर भाग जाने का कार्यक्रम एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुआ। इसके लिए दोनों सरकार दोषी हैं। शिवसेना ने महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसान कर्ज वसूली से परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है विजय माल्या की तरह देश छोड़कर भागता नहीं है। यदि किसान देश छोड़कर भाग भी जाए तो पुलिस उसे घसीटते हुए जेल में डाल देगी।
सामना में कटाक्ष करते हुए लिखा गया है कि विजय माल्या और ललित मोदी के लिए देश में अलग कानून चलता है। सभी क्षेत्रों के लोगों ने विजय माल्या की सेवा की इतना ही नहीं उसे कर्ज दिया। कुछ ने माल्या को कर्ज डूबने दिया और कुछ ने उसकी मदद देश से बाहर भागने में की। देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करना आतंकवाद और राष्ट्रद्रोह का मामला है। दाऊद का उल्लेख करते हुए शिवसेना ने कहा कि अंडरवर्ल्ड डॉन को हिंदुस्तान लाया जाए, इसके लिए सरकार पाकिस्तान के सामने याचक की तरह व्यवहार कर रही है लेकिन उसी सरकार की आंखों के सामने व्हाइट कॉलर आर्थिक आतंकवादी भाग जाता है।