
रिवीजन याचिका में याचिकाकर्ता राजेंद्र भारती ने कहा है कि नरोत्तम मिश्रा ने चुनाव नामांकन पत्र में वाहन वाले कॉलम में निरंक भरा है। जबकि प्रचार के दौरान जिगनी थाना क्षेत्र में उनका वाहन प्रचार करते पकड़ा गया। उन्होंने अपने भतीजे विवेक मिश्रा के नाम अपनी पावर ऑफ अटॉर्नी कर उक्त वाहन को छुड़ाया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि उम्मीदवार के रूप में नरोत्तम मिश्रा ने चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अरविंद दूदावत ने हाईकोर्ट में तर्क रखा कि उक्त मामला सुनवाई योग्य ही नहीं है। इसलिए इसे खारिज किया जाए।