
मामला 9वीं की परीक्षा का है। मूल्यांकन लोकल लेवल पर हो रहा है और जिन शिक्षकों को मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी गई है वो उत्तरपुस्तिकाएं अपने घर ले गए हैं। यह नियम विरुद्ध है परंतु शिवपुरी में खुलेआम हो रहा है। मूल्यांकन के दौरान जो बच्चे पासिंग मार्क्स भी नहीं ला पा रहे, उनके पेरेंट्स तक यह सूचना भेजी जा रही है। 500 से लेकर 2000 तक जितने में भी सेटिंग हो जाए। नेता, अधिकारी और परिचितों के लिए यह सेवा नि:शुल्क भी उपलब्ध कराई जा रही है।
सावधानी पूरी बरती जा रही है। बच्चे को मूल्यांकनकर्ता के घर भेजा जाता है, जहां वो फिर से उत्तरपुस्तिका में सही उत्तर लिखता है और इसके बाद मूल्यांकन कर दिया जाता है। हर रोज लाखों का कारोबार जारी है। सुना है दक्षिणा लाल बिल्डिंग तक भी जा रही है। देख लेना, शिवपुरी में इस बार 9वीं का रिजल्ट नहीं बिगड़ेगा।