
बताया जा रहा है कि आर्थिक स्थिति से कमजोर होने के कारण कल्पना किसी बड़े अस्पताल में अपना इलाज कराने में असमर्थ थी। इसका कारण यह है कि प्राइवेट अस्पताल में ऐसी सर्जरी पर करीब 2 लाख रुपए का खर्चा आता है। जिसके बाद उसने भोपाल के हमीदिया अस्पताल में बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग में संपर्क किया। डॉक्टरों ने युवती से सर्जरी के लिए दो इम्प्लांट खरीदने की सलाह दी। हालांकि, उसके पास दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना का कार्ड था। लेकिन सर्जरी के लिए इस योजना से पैसा नहीं दिया जा सकता। लिहाजा, युवती को इसके लिए करीब 50 हजार रुपए खर्च करने पड़े।
जन्मजात विकृति के चलते स्तन न बन पाने से दुखी कल्पना सर्जरी के बाद अब सामान्य स्त्रियों की तरह दिखने लगी है। अस्पताल से उसे एक हफ्ते के भीतर छुट्टी मिल जाएगी।