नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में देशद्रोह के आरोपी कन्हैया कुमार ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। कन्हैया ने जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 1984 के सिख विरोधी दंगों और 2002 के गुजरात दंगों में फर्क है। गुजरात दंगों में सरकार (मोदी सरकार) का हाथ था, जबकि 1984 का सिख विरोधी दंगा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्मादी भीड़ की कार्रवाई थी।
इसके बाद से कन्हैया का विरोध हो रहा है। खासतौर पर सिखों में नाराजगी है। उनका कहना है कि सिखों के कत्लेआम के लिए कांग्रेस व उसके नेता जिम्मेदार हैं। उन्हें बचाने के लिए कन्हैया जो कि खुद देशद्रोह का आरोपी है गलत बयानबाजी कर रहा है। यह सिखों के जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है।
वहीं भाजपा सांसद किरण खेर ने ट्वीट कर कन्हैया से पूछा है कि क्या आपका जमीर मर गया है? किरण के मुताबिक, कन्हैया के माता-पिता गरीबी में जी रहे हैं। वह 28 साल का हो गया है और पीएचडी करने के नाम पर जेएनयू में जमा बैठा है। उसे पहले नौकरी कर अपने माता-पिता की स्थिति सुधारना चाहिए। राजनीति तो बाद में भी कर सकता है।