ग्वालियर। पीएमटी कांड का खुलासा करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी सोमवार को हाईकोर्ट में जवाब पेश करने के लिए उपस्थित नहीं हुए। इसके चलते हाईकोर्ट ने आशीष को एक्स पार्टी (पूर्व पक्ष) घोषित कर दिया। अब वीर बहादुर सिंह की याचिका में उनका पक्ष सुनने की जरुरत नहीं है। अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
वीर बहादुर सिंह भदौरिया ने एक याचिका दायर कर आशीष चतुर्वेदी द्वारा लगाए गए आरोपों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में बताया गया कि वीर बहादुर के खिलाफ एसआईटी व सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है। आशीष चतुर्वेदी के आवेदन पर उनके पक्षकार व उनके बेटे गौरव भदौरिया को आरोपी बना दिया गया है। दोनों के ऊपर गलत कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आशीष चतुर्वेदी को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था और उसका पक्ष जाना था कि किस आधार पर आरोप लगाए हैं। लेकिन वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। इसके चलते उन्हें एक्स पार्टी (पूर्व पक्ष) घोषित किया है। सीबीआई के अधिवक्ता असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल विवेक खेड़कर ने बताया कि अभी केस की जांच चल रही है।
अपराध क्रमांक 285 में दर्ज है केस
वीर बहादुर व गौरव भदौरिया के खिलाफ अपराध क्रमांक 285 में केस दर्ज है। आशीष ने आरोप लगाया था कि वीर बहादुर ने व्यापमं के डायरेक्टर सुधीर भदौरिया के माध्यम से अपने बेटे व बेटी को फर्जी तरीके से पीएमटी पास कराई थी। साथ ही दलाल की भी भूमिका निभाई थी। आशीष के आवेदन पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।
अपराध क्रमांक 285 में हाई प्रोफाइल आरोपियों को शामिल किया गया है। पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य गुलाब सिंह किरार, उनके पुत्र शक्ति सिंह किरार सहित डॉ. बीआर श्रीवास्तव, योगेश उपरीत, डॉ. एमएस जौहरी पर इसी अपराध क्रमांक में नामजद हैं।