
इस मामले में शासन की ओर से पैरवी करते हुये अपर लोक अभियोजक बृजबिहारी यादव ने बताया है। कि अगस्त 2015 में तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एनएस ब्रह्मे के बिरुद्ध देहात थाना टीकमगढ में धारा 409 भादवि के तहत पटवारी की नियुक्तियो की दो नस्तियाॅ गायब होने पर मामला पंजीबद्ध कराया गया था। श्री यादव ने बताया है कि तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर के पद पर रहते हुये है। जाॅच के आधार पर 27 पटवारियो के प्रशिक्षण उपरान्त जिले में नियुक्ति हेतू नामांकित कर भेजे गये। प्रस्ताव संबंधित दो फाइले खुर्दबुर्द कर दी गई, जिसकी शिकायत कलेक्टर टीकमगढ से की गई।
कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से देखते हुये है। तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एनएस ब्रह्मे के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतू लिखा था। मामले की जाॅच के बाद मामला प्रथम दृष्टया गंभीर किस्म का पाया गया। जिसके चलते देहात थाने टीकमगढ में धारा 409 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध कराया गया था। इसी मामले में एनएस ब्रह्मे के अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम जमानत हेतू जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में आवेदन दिया गया था। जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है।