
जी हां मेरी यह बात कड़वी जरूर है, लेकिन अफसोस सच तो यही है। हमारे पुराणों मे कहावत हुआ करती थी कि जिस इन्सान का भाग्य 100% अच्छा होता है, उनके घर बेटी जन्म लेती है, पर अब तो यह सिर्फ एक मिथ्या प्रतीत होती है। भारत में जब जिसका मन किया रेप कर दिया, कत्ल कर दिया, तेज़ाब फेक दिया, लड़की मानी तो बढ़िया नहीं तो घर से उठा लिया, और तो और लड़की की आबरू से खेलने से पहले ये दरिंदे उसकी उम्र भी नहीं देखते।
भारत सरकार ने पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस) नाम का कानून तो बनाया लेकिन इन आंकड़ों को देखने के बाद वह भी खोखला सा लगने लगता है- 2013 में बेंगलुरु में पोक्सो के अंतर्गत 72 केस आये, 69 गिरफ्तारियां हुईं और सभी 69 को बेल पर रिहा कर दिया गया। 2014 में बेंगलुरु में पोक्सो के अंतर्गत 283 केस आये, 263 गिरफ्तारियां हुईं और उनमें से 235 बेल पर रिहा हो गये। 2015 में बेंगलुरु में पोक्सो के अंतर्गत 263 केस आये, 238 गिरफ्तारियां हुईं और उनमें से 167 बेल पर रिहा हो गये। नवम्बर 2012 से मार्च 2015 तक छत्तीसगढ़ में पोक्सो के अंतर्गत 2708 मामले दर्ज हुए, जिनमें मात्र 198 में ही सजा हुई। 2009 से 2014 तक छोटी बच्चियों से बलात्कार के मामलों में 151 प्रतिशत बढ़ोत्तरी दर्ज हुई। बच्चों से दुष्कर्म के मामलों में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और फिर यूपी। अगर पिछले एक दशक में पलट कर देखें तो छोटी-छोटी बच्चियों, यहाँ तक 6 महिने तक की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया गया है। फिर भी न जाने क्यों कानून सख्त नहीं होता।
अब अन्य देशों के कानून पर एक नजर साऊदी अरब में रेप की सजा- अपराधी का सर एक ही वार में धड़ से अलग कर दिया जाता है। चीन में अपराधी की स्पाईनल कॅार्ड पर गोली मार दी जाती है। या फिर उसे नपुंसक बना दिया जाता है। नॉर्थ कोरिया मे एम प्रैक्टिस करते हुए अपराधी को गोली मार दी जाती है। अफगानिस्तान मे अपराधी को फांसी पर लटका के गोली मार दी जाती है। ईरान में अपराधी को फासी की सज़ा दी जाती है। फ्रान्स मे अगर छेड़छाड़ की है तो 20 वर्ष की जेल और अगर दरिन्दगी से शोषण हुआ तो उम्र कैद। सउदी अरब में बलात्कारी का सिर कलम कर दिया जाता है।
भारत में क्या होता है रेप के बाद हमारे भारत में जब जब कहीं ऐसा होता है, तब सबसे पहले लोग पुलिस केस से बचने की सोचते हैं। यानि उसी वक्त से दरिंदे के बच निकलने की संभावनएं बढ़ जाती हैं।