
इस घोषणा पत्र में किये गये वादे को पूरा करने के लिए मप्र शासन ने ऊर्जा विभाग को एक पत्र भी लिखा था। मप्र कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने भी घोषणा-पत्र के अनुसार बिजली संविदा कर्मचारियों प्रमुख सचिव ऊर्जा को नोटशीट भेजी थी जिसके तारतम्य में ऊर्जा विभाग ने बिजली कम्पनियों के मैनेजिंग डायरेक्टरों को पत्र जारी किया लेकिन बिजली कम्पनियों के अधिकारियों जिसमें मध्यक्षेत्र बिजली कम्पनी के एम.डी विवेक पोरवाल ने उस आदेश का पालन करने की बजाए पांच वर्षो से बिजली कम्पनियोें में कार्यरत बिजली संविदा कर्मचारियों और इंजीनियर्स की संविदा 30 अप्रैल से समाप्त करने के नोटिस जारी कर दिये तथा उनके स्थान पर नई भर्तियां संविदा पर ही करने के आदेश जारी कर दिये।
एम.डी. विवेक पोरवाल की हठधर्मिता और मनमानी के विरोध में प्रदेश के आठ हजार संविदा कर्मचारी और इंजीनियर्स सड़कों पर उतर आए हैं और आंदोलन की घोषणा कर 14 मार्च से भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं। 14 मार्च से बिजली संविदा कर्मचारियों का क्रमिक धरना चलेगा। 29 मार्च को राजधानी भोपाल में बिजली संविदा कर्मचारियों की विशाल रैली आयोजित की जायेगी।
यह भूख हड़ताल और आंदोलन म.प्र. युनाइटेड फोरम पावर इंपलाईज एवं इंजीनियर्स एवं म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के तत्वाधान में की जायेगी। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर तथा युनाईटेड फोरम के संयोजक इंजी. व्ही.के.एस. परिहार ने कहा है कि बिजली संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाता और संविदा सेवा बहाल नहीं की जाती तो नियमित बिजली कर्मचारी अधिकारी और प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी भी हड़ताल पर चले जायेंगें। पत्रकार वार्ता में म.प्र. युनाईटेड फोरम पावर इंम्पलाईज एवं इंजीनियर्स के संयोजक व्ही.के.एस. परिहार संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर, संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बिजली विभाग के विभागीय ईकाई अध्यक्ष दीपक चैधरी उपस्थित थे।