भोपाल। सिंहस्थ उज्जैन 2016 में अस्थाई शौचालय बनाने को लेकर जमकर घोटाला किया जा रहा है। इस कारण हाल में बने शौचालय की गुणवत्ता को लेकर सवाल खडे किए जा रहे हैं। यह अस्थाई शौचालय उपयोग होने से पहले दम तोड़ रहे हैं। इनको बनाने का जिम्मा सिंटेक्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है, जिसने लागत कम और मुनाफा ज्यादा की तर्ज पर घपला किया गया है। कंपनी ने अधिक मुनाफे के लिए पेटी कांट्रेक्ट के भरोसे काम छोड़ दिया। कुंभ का कामकाज संभाल रहे सूत्रों का कहना है कि अगर इस अव्यवस्था को नहीं सुधारा गया तो करोड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा और सरकार की फजीहत होगी।
फैक्ट फाइल
अस्थाई मूत्रालय 9391
अस्थाई स्नानागार 16247
अस्थाई देशी शौचालय 20005
अस्थाई यूरोपियन शौचालय 21473
अस्थाई दिव्यांग शौचालय 23225
नोट -नगर निगम द्वारा उपरोक्त मान से ठेकेदारों को अस्थाई शौचालय, स्नानागार व मूत्रालयों का भुगतान किया जा रहा है।
शौचालय बनाने 1117 करोड़
कंपनी को मिले ठेके में 12 हजार स्थाई और 18 हजार अस्थाई शौचालय बनाने का दिया गया है, जिसमें शासन द्वारा अस्थाई शौचालय बनाने की रकम 1117 करोड़ रूपए स्वीकृत की गई है। इस मान से एक शौचालय की लागत की बात की जाए तो 18 हजार रूपए है, जबकि प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान के तहत स्थाई शौचालय बनाने की लागत कुल 12000 हजार रूपए कर दिया गया है। यह तो सिंहस्थ में बल्कि अस्थाई शौचालय बना रही है। यह राशि स्थाई शौचालय की तुलना में काफी कम होना चाहिए थी, लेकिन कंपनी और जिम्मेदारों की नजर करोड़ों रूपए हजम करने की है। जिस कारण गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है।