
आयोग ने मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को इस संबंध में पत्र लिखा है। इस संबंध में सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा, "आधिकारिक स्तर की समिति गठित कर दी गई है। इस संबंध में क्या किया जा सकता है, इस पर समिति उद्योगपतियों और कारपोरेट जगत के प्रमुखों से संपर्क साध रही है।"
निजी क्षेत्र की सहमति के बगैर संभव नहीं
गहलोत ने कहा, "इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय-समय पर समिति की बैठकें होती रही है। इसके लिए वातावरण बनता नहीं दिख रहा है। अजा/जजा से भी यह मुद्द जुड़ा हुआ है और इस पर लंबे समय से चर्चा चल रही है। संबंधित क्षेत्र से परामर्श लिए बगैर सिफारिश को अमलीजामा पहनाना संभव नहीं है।"
सरकारी क्षेत्र में मुट्ठी भर है अवसर
एनसीबीसी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में अवसर मुट्ठी भर ही है। यही कारण है कि इस श्रेणी के लोगों को नौकरी मुहैया कराने के लिए निजी क्षेत्र का सहारा जरूरी है।