चाइल्ड केयर लीव: शिक्षा विभाग में मंजूर, अध्यापक संवर्ग की रद्द

इंदौर। प्रदेश शासन चाइल्ड केयर लीव के मामले में दोहरी नीति अपना रहा है। अध्यापक संवर्ग की शिक्षिकाओं की दो माह पहले चाइल्ड केयर लीव स्वीकृत की गई थी, उसे दो माह बाद ही अस्वीकृत कर दिया गया है। उधर शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले स्टॉफ को अभी भी यह सुविधा प्रदान की जा रही है।

हाल ही में लोक शिक्षण आयुक्त ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें अध्यापक संवर्ग की शिक्षिकाओं की चाइल्ड केयर लीव तुरंत अस्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं। जिन शिक्षिकाओं ने चाइल्ड केयर लीव ली थी, उन्हें स्कूल प्राचार्य फोन करके तुरंत स्कूल ज्वॉइन करने को कह रहे हैं। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब शासन ने चाइल्ड केयर लीव सभी महिला शासकीय सेवकों के लिए स्वीकृत करने की योजना बनाई है तो फिर अध्यापक संवर्ग के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

दो जिलों ने तो आदेश भी जारी कर दिया
प्रदेश के दो जिले शिवपुरी व विदिशा में इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी लिखित आदेश भी जारी कर चुके हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आयुक्त से निर्देश मिलने के बाद चाइल्ड केयर लीव रद्द की जा रही है। संबंधित शिक्षिकाओं से मेडिकल भी जमा करवाया जा रहा है।

मार्गदर्शन मिला नहीं तो रद्द कैसे कर दिया
कुछ समय पहले लोक शिक्षण संस्थान ने अध्यापक संवर्ग के मामले में वित्त विभाग से मार्गदर्शन मांगा था। वित्त विभाग से अभी तक इस संबंध में कोई मार्गदर्शन मिला नहीं है, लेकिन इसके पहले ही स्वीकृत छुटिटयां अस्वीकृत की जा रही हैं, जबकि 30 नवंबर 2015 को लोक शिक्षण आयुक्त ने ही निर्देश जारी किए थे कि सभी शासकीय महिला सेवकों को चाइल्ड केयर लीव दी जाए। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने अपने पोर्टल पर भी कोई जानकारी अब तक नहीं दी है।

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