
मिश्रा ने यह भी कहा कि एक निर्वाचित सरकार का यह आचरण इसलिए भी विचारणीय है, कि कोई भी लोकतांत्रिक सरकार सचिवालय व चैपालों से संचालित होती है। सिंगापुर भ्रमण के दौरान आई सनक व प्रेरणा के आधार पर क्रूज में बैठकर पानी की लहरों में नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान बेहाल है, उसे बर्बाद फसलों के मुआवजा राशि के दीदार नहीं हो रहे हैं, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बच्चें व मरीज कालकवलीत हो रहे हैं, कानून-व्यवस्था चैपट है, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, हत्याओं, बैंक डकैतियों, अपहरण, लूट-फिरौती जैसी गंभीर घटनाओं ने नागरिकों का जीना दूभर कर रखा है, विभिन्न किस्म के माफियाओं का जाल राजनैतिक संरक्षण के कारण प्रदेश को चूस रहा है, हर वर्ग का कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ असंतोष की आग उगल रहा है और प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता का दौर विद्यमान है, इन विषम स्थितियों से विमुख राज्य सरकार पानी की हिलौरे लेकर क्रूज में अपनी केबीनेट बैठक कर रही है, जिसे सत्ता के मद में की जा रही राजनैतिक अय्याशी ही कहा जायेगा।