ग्वालियर. जिला उपभोक्ता फोरम ने इंदौर इंटरसिटी से एक महिला के जेवर चोरी होने पर रेलवे पर 4 लाख 94 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. फोरम ने माना है कि आरक्षित डिब्बों में सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी रेलवे की है. इसलिए अगर यात्री के साथ कोई घटना होती है तो उसका हर्जाना देना होगा. रेलवे को 4.94 लाख रुपए महिला को 8 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा. ब्याज की गणना सितंबर 2014 से की जाएगी. परिवाद की सुनवाई फोरम के अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह, सदस्य डॉ. मृदुला सिंह व आभा मिश्रा ने की.
परिवादी शकुंतला शंखवार के अधिवक्ता मुकेश गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि आरक्षित बोगी में कोई घटना होती है तो उसके लिए रेलवे जिम्मेदार है, क्योंकि उस डिब्बे में अनाधिकृत व्यक्ति को बैठने की इजाजत नहीं होती है. यात्री के दौरान ही शकुंतला का बैग चोरी हुआ, जिसमें 7 लाख रुपए के जेवर रखे हुए थे. घटना के समय ट्रेन में कोई मदद के लिए नहीं आया था. न ही टीटी ट्रेन में मिला था. टिकट की शर्तों में यात्री को सुरक्षा देना भी शामिल है. इसलिए शकुंतला को क्षतिपूर्ति राशि के रूप में 7 लाख रुपए प्रदान किए जाएं.
इस पर रेलवे की ओर से बताया गया कि रेलवे का काम सिर्फ यात्रियों को यात्रा कराना है. उन्हें अपने सामान की स्वयं रक्षा करनी होगी. परिवादी के बैग में क्या रखा था, इसकी प्रमाणिकता नहीं है. कोच नंबर एस-3 के टीटीई आरएस तोमर कोच में उपस्थित थे. उन्होंने अपना काम किया है. वे कोच में मदद के लिए भी पहुंचे थे. उपभोक्ता फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद महिला को हर्जाने के रूप में 4.94 लाख रुपए देने का आदेश दिया है. उपभोक्ता फोरम द्वारा दिया गया यह बड़ा आदेश है.
यह हुई थी घटना
साकेत नगर, हजीरा निवासी शकुंतला पत्नी डॉ. नंदराम शंखवार अपनी मां के साथ 11 सितंबर 2014 को इंदौर से ग्वालियर के लिए इंदौर इंटरसिटी में सवार हुईं थीं. 12 सितंबर को सुबह 6 बजे शिवपुरी में उनकी नींद खुली तो हैंडबैग गायब था. इसको लेकर उन्होंने चेन भी खींची, लेकिन कोई स्टाफ नहीं आया. दो पुलिस वाले उनके पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि अब कुछ नहीं होगा. जो कहना है, ग्वालियर में कहना. इसके बाद ग्वालियर जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई गई. हैंडबैग में जेवर व नकदी रखी हुई थी. ग्वालियर जीआरपी ने जीरो पर कायमी कर एफआईआर को शिवपुरी भेज दिया. शकुंतला लगातार शिवपुरी में जीआरपी के संपर्क में रहीं, लेकिन पुलिस चोर को पकड़ने में नाकाम रही.
आप भी ले सकते हैं रेलवे से हर्जाना
अधिवक्ता मुकेश गुप्ता के अनुसार अगर आप आरक्षित टिकट पर सफर कर रहे हैं और आपके साथ कोई घटना होती है तो आप रेलवे पर क्षतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं. उपभोक्ता मामलों के राष्ट्रीय आयोग ने राकेश कुमार गौतम बनाम साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के फैसले में एक न्याय दृष्टांत दिया है. इसके तहत यात्री अपना दावा रेलवे के ऊपर कर सकता है. आरक्षित टिकट पर रेलवे अधिक रुपये लेती है. टिकट में सुरक्षा के साथ-साथ सुविधा देना भी शामिल होती है.